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मुरलीधरन के डर से संगाकारा-जयवर्धने ने की थी 624 रन की रिकॉर्ड साझेदारी
संगाकार-जयवर्धने ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी साझेदारी बनाई थी।
Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - June 26, 2018 5:02 PM IST

27 जुलाई 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में श्रीलंका के दो महान बल्लेबाजों कुमार संगाकारा और महेला जयवर्धने ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी बनाई थी। संगाकारा-जयवर्धने ने तीन दिन तक बल्लेबाजी कर तीसरे विकेट के लिए 624 रन जोड़े थे। कुमार संगाकारा ने 287 और मैन ऑफ द मैच जयवर्धने ने 374 रन बनाए थे। इस मैच के 12 साल बाद उस ऐतिहासिक साझेदारी के पीछे का असली राज सामने आया है। दरअसल संगाकारा और जयवर्धने ने गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन के डर की वजह से इतनी बड़ी साझेदारी बनाई थी।
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वॉट द डक कार्यक्रम के तीसरे सीजन में शामिल हुए संगाकारा और मुरलीधरन ने टीम के कई राज खोले। सीनियर गेंदबाज मुरलीधरन ने उस ऐतिहासिक साझेदारी के बारे में बात करते हुए कहा, “उन दोनों को पता था कि वो जल्दी आउट होकर ड्रेसिंग रूम में नहीं आ सकते। मैं उन्हें बंबू देता। सारे बल्लेबाज डरे हुए थे क्योंकि मुझे बड़ा स्कोर चाहिए था। इसी वजह से वो मैदान में ही रहे।”
जब संगाकारा-जयवर्धने ने किया था संन्यास का फैसला
संगाकारा ने बताया कि इस साझेदारी के दौरान ही जयवर्धने और उन्होंने पहली बार संन्यास के बारे में सोचा था। पूर्व कप्तान ने कहा, “वो साझेदारी एक घटना थी। हमने बल्लेबाजी के बारे में बिल्कुल बात नहीं की थी। हम दो दिन तक खाने और दूसरी चीजों के बारे में बात कर रहे थे। वो पहला मौका था, जब हमने संन्यास के बारे में बात की थी। क्योंकि जब हमने दक्षिण अफ्रीका को दो दिन तक फील्डिंग करते देखा तो हमने सोचा कि हम अपने साथ ऐसा होना पसंद नहीं करेंगे। इसलिए बेहतर यही होगा कि हम मुरली के साथ ही संन्यास ले लें।” हालांकि इसके बाद भी दोनों खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट में कई शानदार पारियां खेली। जयवर्धने ने 2014 में और संगाकारा ने इसके एक साल बाद 2015 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा।
टीवी पर कार्टून देखना पसंद करते हैं मुरलीधरन
टीम के साथ सफर के दौरान कई बार मुरलीधरन के रूम पार्टनर रहे संगाकारा ने बताया कि मुरलीधरन उन्हें अपने साथ कार्टून देखने के लिए मजबूर करते थे। संगाकारा ने कहा, “उसे अपनी टीवी बेहद पसंद है। मुझे भी टीवी देखना पसंद है लेकिन मुरली मुझे नींद से जगा देता था। पहले मैं उसके साथ नाटक करता था लेकिन अगर मैं सोने की एक्टिंग भी कर रहा हूं तो वो मुझे उठाकर अपने साथ कार्टून दिखाता था।”
ट्रॉफी कलेक्टर नहीं हैं कुमार संगाकारा
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मुरलीधरन ने भी संगाकारा की चुटकी लेते हुए कहा, “उसे चीजें इकट्ठी करने का शौक है, वो सब कुछ इकट्ठा करता है, घड़ी, विस्की लेकिन केवल ट्रॉफी इकट्ठी नहीं करता। ट्रॉफी वो दूसरे को दे देता है। उसके पास एक भी ट्रॉफी नहीं है। सारी ट्रॉफी उसने दूसरों को दे दी हैं।”