21 जून 1975 को क्रिकेट इतिहास का पहला विश्व कप फाइनल मैच खेला गया था। लॉर्ड्स में खेले गए इस ऐतिहासिक फाइनल में क्लाइव लॉयड की कप्तानी पारी के दम पर वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली विश्व कप
ट्रॉफी जीती थी।
दर्शकों के भरे स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करने उतरी विंडीज टीम की शुरुआत बेहद खराब रही थी। कैरेबियाई टीम ने मात्र 50 रन के स्कोर पर तीन विकेट खो दिए। शीर्ष क्रम के बिखरने के बाद कप्तान लॉयड ने रोहन कन्हाई के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 149 रनों की मजबूत साझेदारी बनाई।
लॉयड ने 85 गेंदों पर 12 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 102 रनों की पारी खेली। लॉयड की कप्तानी पारी की मदद से वेस्टइंडीज ने 60 ओवरों में 8 विकेट खोकर 291 रनों का स्कोर खड़ा किया।
292 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम लगभग जीत तक पहुंच चुकी थी। एलेन टर्नर और कप्तान इयान चैपल की अर्धशतकीय साझेदारी से मिली मजबूत शुरुआत को आगे बढ़ाते हुए आखिरी ओवरों में डैनिस लिली और जेफ थॉमसन ने कंगारू टीम को 233/9 के स्कोर तक पहुंचा दिया था।
जब मैदान पर उतर आए थे फैंस
ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 11 गेंदो पर 24 रनों की जरूरत थी, जब थॉमसन ने वैनवर्न होल्डर की गेंद पर रॉय फ्रेडरिक्स को कवर्स पर कैच थमाया। मैदान पर खुशी की ऐसी लहर दौड़ी की किसी ने भी नो बॉल की कॉल नहीं सुनी।
फ़्रेडरिक्स इस बात से पूरी तरह से अवगत थे और नॉन-स्ट्राइकर एंड की लाइन से बाहर खड़े लिली की तरफ गेंद फेंकी। हालांकि वो चूक गए और गेंद आउटफील्ड में कहीं गायब हो गई, सैकड़ों दर्शकों के पैरों के बीच खो गई। जिसके बाद लिली और थॉमसन रन लेने के लिए दौड़ने लगे।

दोनों बल्लेबाज रन ले रहे थे जब पिच को छोड़कर बाकी मैदान पर फैंस दौड़ने लगे। डेरेक मरे स्टंप पर खड़े होकर उनकी रक्षा कर रहे थे। वहीं स्क्वायर-लेग अंपायक डिकी बर्ड की टोपी किसी ने उनके सिर से छीन ली।
बीबीसी कमेंट्री बॉक्स में, जिम लेकर ने कहा, “ये बात है!”। पिच पर लिली और रन लेना चाहते थे, लेकिन थॉमसन थक गए थे। उन्होंने कुछ वेस्ट इंडियन फैन की जेब से निकली गेंदों को उन्हें रन आउट करने की कोशिश में बेल्स पर लगते देखा।
जब मैदान खाली हुआ और गेंद पर मिले रन ऑस्ट्रेलियाई खाते में जुड़े। स्ट्राइकर एंड पर खड़े अंपायर ने दो रन कहे और थॉमसन ने गुस्से में कहा, “हम यहां दोपहर से भागे जा रहे हैं” दूसरे छोर पर लेग अंपायर बर्ड ने लिली से पूछा कि उन्होंने कितने रन लिए। तो इस ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने कहा, “आपको गिनना चाहिए था लेकिन मेरे हिसाब से 17 रन हुए” आखिर में कंगारू टीम को चार रन से समझौता करना पड़ा।

इसके बाद भी अगली गेंद पर फैंस ने मैदान में घुसने की कोशिश की। हालांकि इस बार अंपायर बर्ड अपनी जगह से नहीं हिले। लिली और थॉमसन ने मिलकर 8 ओवर में 59 रन जोड़े। अब जीत के लिए 9 गेंदों पर 17 रनों की जरूरत थी। थॉमसन ने होल्डर के खिलाफ शॉट लगाया और रन लेने के लिए भागे लेकिन डेरेक मुर्रे के अंडर आर्म थ्रो की की वजह से थॉमसन रन आउट हुए और ऑस्ट्रेलियाई पारी 274 रन पर सिमट गई।
ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर वेस्टइंडीज ने क्लाइव लॉयड की कप्तानी में पहला वनडे विश्व कप जीता। प्रिंस फिलीप ने लॉयड को विश्व कप ट्रॉफी सौंपी।