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फॉर्म में लौटे शिखर धवन, खत्म हुई ओपनिंग जोड़ी की चिंता

शिखर धवन ने इंग्लैंड एकादश के खिलाफ 63 रनों की पारी खेली।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Published: Jan 11, 2017, 12:36 PM (IST)
Edited: Jan 11, 2017, 12:36 PM (IST)

शिखर धवन © Getty Images
शिखर धवन © Getty Images

पिछल कुछ महीनों में शिखर धवन टेस्ट और टी20I क्रिकेट में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। इसी वजह से उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में जगह नहीं दी गई थी। अगले कुछ टेस्ट मैचों के बाद वह चोटिल हो गए और उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इस तरह शिखर के करियर पर बन आई। सवाल ये भी था कि क्या धवन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर पाएंगे? इसी बीच टीम इंडिया के रेगुलर ओपनर रोहित शर्मा चोटिल हो गए और अंततः न चाहते हुए भी चयनकर्ताओं को उनके अनुभव को देखते हुए इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए मौका दे दिया। चूंकि, उनके बैक- अप के रूप में टीम में मंदीप सिंह और अजिंक्य रहाणे को जगह दी गई थी। ऐसे में ये जरूरी था कि धवन पहले प्रेक्टिश मैच में धमाल मचाएं। धवन ने वैसा ही कुछ किया। धवन अभ्यास मैच के शुरुआती छड़ों में बड़े शांत अंदाज में बल्लेबाजी करते नजर आए। ये दर्शा रहा था कि धवन आज कमाल करने को ही आए हैं। जैसे ही उनकी आंखें जमने लगीं। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी और अंततः 63 रन बना डाले।

धवन के फॉर्म में लौटने से भारतीय ओपनिंग जोड़ी की चिंताएं जरूर थोड़ी कम हुई होंगी। उल्लेखनीय है कि पिछली सीरीज में कप्तान धोनी ने रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग के लिए अजिंक्य रहाणे को आजमाया था और पांचों मैचों में ये जोड़ी एक बार भी अर्धशतकीय साझेदारी मुकम्मल नहीं कर पाई। इसका विपरीत प्रभाव भी देखने को मिला जब शुरुआत अच्छी न मिलने के कारण कई मौकों पर टीम इंडिया दबाव में आ गई। जाहिर है कि टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में एक ऐसी ओपनिंग जोड़ी की तलाश में थी जो पहले विकेट के लिए अच्छी साझेदारी को अंजाम दे सके। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया की ओर से ,केएल राहुल- शिखर धवन ओपनिंग करते नजर आएंगे। केएल राहुल आजकल जबरदस्त फॉर्म में हैं। ऐसे में अगर ये दोनों अच्छा स्टार्ट देने में सफल हो जाते हैं तो मध्यक्रम में विराट कोहली, धोनी और युवी रन रेट को गति देने के लिए तैयार रहेंगे। [ये भी पढ़ें: पहले अभ्यास मैच में इंग्लैंड ने भारत ए को 3 विकेट से हराया]

गौर करने वाली बात है कि भले ही धवन का पिछले कुछ समय में टी20I और टेस्ट क्रिकेट में फॉर्म खराब रहा हो लेकिन वनडे क्रिकेट में हमेशा उन्होंने आग उगली है। उन्होंने अपनी अंतिम वनडे सीरीज जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी जिसकी अंतिम तीन पारियों में उन्होंने 78, 126, 68 की इनिंग्स खेली थीं। धवन वनडे क्रिकेट में भारत के लिए हमेशा बेहतरीन रहे हैं। अब विश्व कप 2015 के सेमीफाइनल को ही ले लीजिए। जब तक धवन क्रीज पर थे तब तक लग रहा था कि टीम इंडिया इस मैच को जीत जाएगी क्योंकि वह मिचेल स्टार्क जैसे गेंदबाज की भी बखिया उधेड़ रहे थे और मैदान के चारों ओर करारे स्ट्रोक जड़ रहे थे। लेकिन इसी बीच वह मैक्सवेल की गेंद पर क्रीज के बाहर निकले और खिलाड़ी के ऊपर से गेंद को मारने की कोशिश की और पकड़ गए। लेकिन ये बात तो सही है कि धवन के 41 गेंदों में 45 रनों से इस मैच में समां बांध दिया था।

धवन की इस पारी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के लिए टीम इंडिया की भूंख को बढ़ा दिया। लगभग डेढ़ साल पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 350 से ज्यादा के स्कोर को दो बार चेज किया। इन दोनों मौकों पर धवन ने 95 और शतकीय साझेदारी के साथ प्लेटफॉर्म खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई। साल 2015-16 में केनबरा वनडे में जब धवन 116 रन बनाकर आउट हुए तब टीम इंडिया को जीतने के लिए 75 गेंदों में 72 रन चाहिए थे। लेकिन टीम इंडिया यहां से बिना धवन के ये रन बनाने में असमर्थ दिखी और सीरीज में आखिरकार लगातार चौथा मैच हार गई।

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अब आप 23 जनवरी, 2016 का ही दिन याद कर लीजिए जब विश्व कप 2015 सेमीफाइनल का लगभग रीप्ले देखने को मिला।भारत को 331 रनों का लक्ष्य मिला और जवाब में टीम इंडिया ने 5 ओवरो में 20 रन बना लिए थे। अब यहां से रिक्वायर रन रेट 7 के पास पहुंच चुका था। ऐसे में धवन ने अपने हाथ खोले। पहले तो उन्होंने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर प्वाइंट का चौका जड़ा और फिर जॉन हेस्टिंग्स की गेंद पर छक्का जड़ दिया। इसके बाद समां बंध गया और टीम इंडिया ने अंततः मैच में जीत दर्ज करते हुए सीरीज में 1-4 से अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। शिखर धवन हमेशा से ही टीम इंडिया के लिए एक अजीज खिलाड़ी रहे हैं। उसके दो कारण हैं। एक तो वह लेफ्ट हेंडर हैं और दूसरे वह तूफानी बल्लेबाज हैं। ये दोनों ही गुण ओपनिंग बल्लेबाज को अपने समकालीन खिलाड़ियों से अलग खड़ा करते हैं।