Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - February 21, 2017 12:17 AM IST
वेस्टइंडीज टीम का भले ही अस्सी के दशक के बाद क्रिकेट से धीरे-धीरे प्रभुत्व खत्म होने लगा था, लेकिन क्रिकेटरों की नई पीढ़ी जिसमें ब्रायन लारा, कार्ल हूपर, कर्टनी वाल्श और कर्टली एम्ब्रोस जैसे दिग्गज शामिल थे उन्होंने वेस्टइंडीज क्रिकेट को नब्बे के दशक में एक नई दिशा दी। 1994 में वेस्टइंडीज ने भारत का दौरा किया, इस दौरे की कई यादें विशाखापत्तनम में खेले गए मैच से जुड़ी हुई हैं जब वेस्टइंडीज की टीम क्रिकेट नियमों के धोखे का शिकार हुई और वह जीता हुआ मैच हार गई। इससे भी महत्वपूर्ण बात रही वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्ल हूपर की जबरदस्त बल्लेबाजी जिसने इस बेहद करीबी मैच में वेस्टइंडीज को जीत की दहलीज पर ला खड़ा किया था। लेकिन मैच नियमों ने वेस्टइंडीज के मुंह से जीत के निवाले को कैसे छीन लिया गया? आइए जानते हैं।
साल 1994-95 में वेस्टइंडीज टीम भारत के दौरे पर 5 वनडे मैचों की द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए आई। भारत के लिए सबसे राहत की बात यह थी कि इस सीरीज से वेस्टइंडीज के बेहतरीन गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस ने अपना नाम वापस ले लिया था। इस बार वेस्टइंडीज की तेज गेंदबाजी का भार कर्टनी वॉल्श के कंधों पर था जो भारत इसके पहले भी साल 1987-88 में आ चुके थे। इस सीरीज में दो बल्लेबाजों को लेकर खूब चर्चाएं थीं उनमें से एक थे वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा और दूसरे थे भारत के सचिन तेंदुलकर।
वनडे सीरीज का पहला मैच फरीदाबाद में भारत-वेस्टइंडीज के बीच खेला गया। पहले मैच में वेस्टइंडीज ने भारत को 96 रनों के लंबे अंतर से हरा दिया। दूसरा मैच मुंबई में खेला गया और यहां वेस्टइंडीज को मुंह की खानी पड़ी और भारत ने मैच में 8 रनों से बराबरी करते हुए सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया। लेकिन भारतीय फैन्स को एक बात बहुत खली वह थी सचिन की लगातार बल्लेबाजी में नाकामी, क्योंकि वह लगातार दोनों मैच में शून्य पर आउट हुए थे।
इसी बीच दूसरे और तीसरे वनडे मैच के बीच में ऑर्गनाइजर्स ने त्रिकोणीय सीरीज का आयोजन कर दिया। जिसमें तीन टीमें वेस्टइंडीज-भारत और न्यूजीलैंड शामिल थीं। भारत ने त्रिकोणीय श्रृंखला में गजब का प्रदर्शन किया और कोलकाता में खेले गए फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर त्रिकोणीय सीरीज अपने नाम की। तेंदुलकर ने भी त्रिकोणीय सीरीज में अपनी फॉर्म प्राप्त कर ली और वह इस सीरीज के मैन ऑफ द सीरीज चुने गए साथ ही फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे।
इस सीरीज के खत्म होने के बाद फिर से भारत-वेस्टइंडीज की द्विपक्षीय सीरीज शुरू हुई। सीरीज का तीसरा मैच विशाखापत्तनम में खेला गया। यह मैच दूसरे एकदिवसीय के पूरे 18 दिन बाद खेला गया। इसके दो दिन पहले ही दोनों टीमों के बीच त्रिकोणीय सीरीज का फाइनल मैच खेला गया था। ईडेन गार्डन में खेला गया फाइनल मैच डे-नाइट खेला गया था। लेकिन विशाखापत्तनम में खेला गया यह मैच डे था। भारतीय टीम को ‘आईए एयरलाइंस’ ने उनकी किट के साथ आराम से विशाखापत्तनम अगले मैच के लिए पहुंचा दिया।
लेकिन ‘आईए एयरलाइंस’ की गलती की वजह से वेस्टइंडीज टीम की किट मद्रास में ही छूट गई। फलस्वरूप दोनों टीमों के कप्तानों को टॉस के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। समय की बर्बादी के कारण मैच को 44-44 ओवरों का कर दिया गया। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के शानदार शतक 114 और सचिन तेंदुलकर के अर्धशतक की बदौलत निर्धारित 44 ओवरों में 4 विकेट पर 260 रनों का स्कोर खड़ा किया।
इस तरह भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के समक्ष एक बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। लेकिन इस बीच जो हुआ उसने वेस्टइंडीज टीम को बेहद निराश कर दिया। चूंकि मैच के नियम के मुताबिक वेस्टइंडीज को अपने 44 ओवरों की गेंदबाजी 1.26 बजे तक समाप्त कर लेनी थी, लेकिन उन्होंने इसके लिए 1.42 बजे तक का समय ले लिया। जिसके कारण मैच रेफरी ने वेस्टइंडडीज टीम पर 1 ओवर का ग्रेस लगा दिया और अब उन्हें यही स्कोर 43 ओवरों में चेज करने के लिए बोला गया। देर होने के पीछे वेस्टइंडीज टीम का हाथ कतई नहीं था, क्योंकि देर तो सिद्धू के मैदान पर घायल होने की वजह से हुई थी। अब वेस्टइंडीज को 6.07 के भारी-भरकम रन रेट के साथ भारत के स्कोर का पीछा करना था।
वेस्टइंडीज ने इस अन्याय के बावजूद बेहतरीन खेल दिखाया और उनके दोनों सलामी बल्लेबाजों फिल सिमंस(51 रन 77 गेंद) और स्टुअर्ट विलियम्स(49 रन 60 गेंद) ने बेहतरीन शुरुआत दी। इस मैच में दूसरे वनडे में खेले कपिल देव के स्थान पर वेंकटेश प्रसाद को शामिल किया गया था(उस मैच के बाद कपिल देव ने विश्व क्रिकेट को अलविदा कह दिया)। वेंकटेश को वेस्टइंडीज टीम के बल्लेबाजों ने खूब निशाना बनाया। कार्ल हूपर ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और 47 गेंदों में आतिशी 74 रन ठोंक दिए, लेकिन अंतिम ओवर उन्हें खल गया जो मैच रैफरी ने काट लिया था और वह मैच 4 रनों से हार गए। इस तरह ‘आईए एयरलाइंस’ की गलती का शिकार हुई वेस्टइंडीज टीम इस मैच को हार गई।
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