Devbrat Bajpai
देवब्रत वाजपेयी क्रिकेटकंट्री हिंदी के साथ senior correspondent के पद पर कार्यरत हैं
Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - November 3, 2016 12:38 PM IST
इंग्लैंड के खिलाफ 9 नवंबर से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। इस चयन में वैसे तो गौतम गंभीर को उनके अच्छे प्रदर्शन का इनाम देते हुए उन्हें टीम में जगह दे दी गई। लेकिन कुछ अन्य खिलाड़ियों से कतई न्याय नहीं किया गया। बल्कि हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी को टेस्ट टीम में पदार्पण करने का मौका दिया गया जो लगातार अपने बल्ले से फेल हो रहे हैं। पांड्या की पिछली 10 पारियों पर नजर दौड़ाएं तो उन्होंने महज एक बार ही अर्धशतक मुकम्मल किया है। वहीं उसके बाद से वह अपने बल्ले से जूझते ही नजर आए हैं। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में गेंदबाजी प्रदर्शन को छोड़ दें तो वह असफल ही रहे हैं। ऐसे में किस बिनाह पर उन्हें टीम में चुना गया ये बात किसी भी क्रिकेटप्रेमी के गले नहीं उतर रही है। हम आपको रणजी ट्रॉफी में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे तब ये बात और भी आपके गले नहीं उतरेगी। [ये भी पढ़ें: चोट के कारण 6-8 हफ्ते क्रिकेट से दूर रहेंगे रोहित शर्मा]
1. युवराज सिंह: जाहिर तौर पर चयनकर्तांओं को युवराज सिंह को टीम में चुनना चाहिए था जो छठवें क्रम पर बल्लेबाजी करने के लिए आते और इंग्लैंड के स्पिनरों की बखिया उधेड़ देते। रणजी ट्रॉफी में उन्होंने लेफ्ट आर्म स्पिनर जफर अंसारी और लेग स्पिनर आदिल राशिद के नाक पर दम कर लिया था। ऐसे में वह इंग्लैंड के मोइन अली और ग्रेथ बैट्टी पर भी भारी पड़ सकते थे। हाल ही में युवराज घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त फॉर्म में रहे हैं और उन्होंने लगभग 600 रन बनाए हैं। इसमें उनका दोहरा शतक 260 और शतक 177 शामिल है। लेकिन इसके विपरीत युवराज को मौका नहीं दिया गया। जाहिर तौर पर युवराज टीम में चोटिल रोहित शर्मा के एक अच्छे रिप्लेसमेंट साबित हो सकते थे। लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें नकारते हुए हार्दिक पांड्या को टीम में जगह दी गई। [ये भी पढ़ें: इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम घोषित]
2. रिषभ पंत: ये वही रिषभ पंत हैं जिन्होंने साल 2015 अंडर- 19 विश्व कप में अपने बल्ले से कहर बरपा दिया था। हाल ही में उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया है और आते ही तबाही मचा दी है। उन्होंने अब तक कुल 6 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 81.87 की औसत से 655 रन बनाए हैं। जिनमें दो शतक शामिल हैं। उन्होंने 6 अक्टूबर को असम के खिलाफ जहां 146 रनों की पारी खेली थी वहीं महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रनों की पारी खेली थी। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें भारतीय टीम की ओर से बुलावा आएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, अभी पंत सिर्फ 19 साल के ही हैं ऐसे में उनके पास टीम इंडिया में जगह बनाने का अच्छा मौका है। पंत का खेलने का अंदाज सहवाग से काफी मिलता जुलता है और वह अक्सर गेंदों को बाउंड्री के पार पहुंचाने की ही सोचते हैं। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ लिमिटेड ओवर सीरीज में वह अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकते हैं।
3. दीपक हुड्डा: दीपक हुड्डा जिस टच में इस बार रणजी ट्रॉफी में नजर आए वैसे टच में वह पहले कभी नजर नहीं आए। उन्होंने इस सीरीज में कुल 3 मैच खेले और तीनों में शतक जड़े। इनमें उनकी सबसे महत्वपूर्ण पारी पंजाब के खिलाफ निकलकर आई जिसमें उन्होंने अंत तक नाबाद रहते हुए 293* रनों की पारी खेली। इसके अलावा उन्होंने दो शतक गुजरात और मुंबई जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ मुकम्मल किए। लेकिन इसके बावजूद हुड्डा के चुनाव पर कोई विचार नहीं किया गया। 21 साल के हुड्डा के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें आने वाले सालों में टीम इंडिया में देखा जा सकता है।
इंग्लैंड सीरीज पांड्या के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। पांड्या पहले भी कुछ खास नहीं कर सके हैं और अगर यहां चूक हुई तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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