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1983 विश्व कप : पूर्व खिलाड़ियों ने की कप्तान की तारीफ; कपिल देव को बताया जीत का सूत्रधार
भारतीय क्रिकेट टीम ने 25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हराकर पहला वनडे विश्व कप जीता था।
Written by India.com Staff
Last Published on - June 25, 2020 5:15 PM IST

आज, टीम इंडिया की पहली विश्व कप जीत के 37 साल पूरे होने पर कपिल देव (Kapil Dev) की कप्तानी वाली टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ियों ने इस पूर्व ऑलराउंडर की जमकर तारीफ की है।
फाइनल मैच को याद करते हुए पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने कहा, “विंडीज टीम अजेय थी। उसने पहले के दो विश्व कप जीते थे। कई क्रिकेटरों ने मान लिया था कि विंडीज टीम सर्वश्रेष्ठ है। एक चीज जो कपिल ने की थी.. उन्होंने कहा था कि चलो अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलते हैं। जीत या हार के बारे में नहीं सोचते हैं। अगर हम अच्छा खेले तो लोगों का पैसा वसूल हो जाएगा।”
आजाद ने साथ ही याद किया कि 183 रनों का छोटा स्कोर बनाने के बाद ड्रेसिंग रूम में लोगों का मूड़ कैसा था। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते थे कि विंडीज की टीम को देखते हुए वो स्कोर काफी नहीं है। कपिल ने कहा कि चलो लड़ते हैं। यह लड़ने लायक टोटल है। हमने रन बनाए हैं और उन्हें बनाने हैं। इसलिए लड़ते हैं।”
कपिल देव का लिया कैच जीत का असली कारण
उन्होंने कहा, “इस तरह यह हुआ। और इसके बाद कपिल द्वारा पकड़ा गया विवियन रिचडर्स का कैच, उसने मैच को बदल दिया था। वहां से विकेट गिरते रहे और हम बल्लेबाजों पर दबाव बनाते रहे। हमें पता था कि अगर हम विंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाएंगे तो वह दब जाएंगे।”
1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे कीर्ति आजाद ने आईएएनएस से कहा, “मैं उस समय को कैसे बयान करूं। आप उस भावना को कैसे बयान कर सकते हो कि आप विश्व विजेता बन गए हो, वो भी लॉडर्स पर हजारों दर्शकों के सामने। हम ड्रैसिंग रूम से दर्शकों की तरफ सिर्फ हाथ हिला रहे थे।”
उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ अपने सीट पर बैठा था और अपने आप को नौंच रहा था कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा या यह हकीकत है। इसके बाद मैंने जश्न में हिस्सा लिया और वहां से देखा।”
विश्व कप जीतने के बाद सुपरपॉवर बन गया भारत
आजाद के मुताबिक, ट्रॉफी उठाना भारतीय क्रिकेट में बदलाव का पल साबित हुआ। उन्होंने कहा, “जो भी इंसान किसी भी मैदान पर जाता है तो वो अच्छा करना चाहता है और नाम कमाना चाहता है। वो हमारे करियर का बड़ा पल था। मुझे लगता है कि मैं उस उत्साह को और गर्व को अंतिम सांस तक साथ रखूंगा। ये ऐसा लगता है कि कल की ही तो बात है। इसने भारत को दुनिया के नक्शे पर ला दिया था और भारत सुपरपावर बन गया। ये कई युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।”
आजाद के साथ पूर्व बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) का भी मानना है कि 1983 की विश्व कप जीत भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई। वेंगसरकर ने आईएएनएस से कहा, “भारतीय क्रिकेट में हुई यह सबसे महान चीज है।”
वेंगसरकर ने इस जीत के लिए कप्तान कपिल देव की जमकर तारीफ की है। कपिल ने इस विश्व कप में 303 रन बनाए थे जिसमें जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई 175 रनों की पारी भी शामिल है। इस पारी को वनडे इतिहास की सबसे शानदार पारी कहा जाता है।
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उन्होंने कहा, “भारतीय क्रिकेट ने वहां से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहां से हम आगे ही बढ़े। मुझे याद है कि कपिल ने शानदार प्रदर्शन किया था और वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी बने थे। हमने सभी धारणाओं को तोड़ते हुए विंडीज को मात दी। कपिल ने पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन किया।”