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'मैदान पर उतरने के बाद ही टेस्ट क्रिकेट को समझ पाएगी अफगानिस्तान टीम'

अफगानिस्तान टीम के कोच फिल सिमंस को यकीन है कि वो भारत के खिलाफ डेब्यू मैच में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Last Published on - June 2, 2018 4:50 PM IST

आईसीसी से टेस्ट स्टेटस हासिल करने के बाद अफगानिस्तान टीम भारत के खिलाफ अपने पहले पांच दिवसीय टेस्ट मैच के लिए तैयार है। 14 जून को बैंगलोर के मशहूर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेला जाएगा। अफगानिस्तान राशिद खान समेत अपने टॉप चार स्पिन गेंदबाजों वाली टीम चुनी है। अफगानिस्तान के युवा खिलाड़ी काफी प्रतिभाशाली हैं लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं है कि ये फॉर्मेट उनके लिए नया है और इससे उन्हें थोड़ी मुश्किल जरूर होगी। टीम के कोच फिल सिमंस का भी मानना है कि चाहे कितना भी अभ्यास कर लिया जाय मैदान में उतरने के बाद ही अफगानी खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट समझ में आएगा।

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सिमंस ने कहा, “हां ये सही है (अफगानिस्तान टीम ने कम वार्म-अप मैच खेले हैं) खासकर कि जब हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खेल रहे हैं लेकिन कुछ बदला नहीं जा सकता। मैं इसकी चिंता नहीं करूंगा। हमने यहां तीन दिन का एक प्रैक्टिस मैच खेला है। अफगानिस्तान टीम धीरे धीरे हर फॉर्मेट में बेहतर हुई है, जिसमें चार दिवसीय क्रिकेट भी शामिल है। हालांकि ये बात कि हमने कभी टेस्ट मैच नहीं खेला है, इसे बेहद मुश्किल चुनौती बनाती है।”

पूर्व वेस्टइंडीज खिलाड़ी ने कहा, “अच्छी बात ये है कि उन्होंने चार दिवसीय क्रिकेट खेला है लेकिन इससे उन्हें ये पता नहीं चल पाएगा कि टेस्ट क्रिकेट कैसे खेला जाता है। मुझे नहीं लगता कि ये ऐसा कुछ है जो सिखाया जा सकता है। ये उन्हें तब ही समझ आएगा, जब वो खेलेंगे। हमारी कोशिश रही है कि वो ये समझें कि टेस्ट क्रिकेट दोगुना ज्यादा मुश्किल है। इस टेस्ट मैच के बाद उन्हें पता चलेगा कि इसका स्तर कितना ऊपर है और उन्हें वहां तक पहुंचने के लिए क्या करना है।”

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सिमंस ने बताया कि खिलाड़ियों को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि वो टेस्ट क्रिकेट खेलने जा रहे हैं। कोच को उम्मीद है कि बैंगलोर पहुंचने के बाद खिलाड़ियों की भावनाएं बाहर आएंगी। सिमंस ने आगे कहा, “सबसे बड़ी चुनौती उन्हें ये समझाना है कि टेस्ट क्रिकेट आखिर है क्या। ये चार दिवसीय क्रिकेट से बेहद अलग है। ये उन्हें टेस्ट क्रिकेट से जुड़ी मानसिकता और धैर्य समझाने की बात है, कि यहां रन बनाना कितना मुश्किल है। उनके लिए ये तकनीकि कम और मानसिक ज्यादा है। क्योंकि ये समझने के लिए कि पांच दिन तक खेलना कितना मुश्किल है, आपको टेस्ट मैच खेलना होगा। हम ज्यादा से ज्यादा इतना कर सकते हैं कि उनकी तकनीकि सही हो। गेंदबाज से ज्यादा से बल्लेबाज के लिए मुश्किल होगा क्योंकि गेंदबाज को एक चौका खाने के पास दूसरा मौका होता है।” अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए ये टेस्ट मैच मील का पत्थर साबित होने वाला है।