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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट पर संकट बरकरार, खिलाड़ियों ने नकारा नया 'पे ऑफर'!

पिछले दिनों जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की वेतन बढ़ाने की बारी आई थी तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तय अनुबंध का पालन नहीं किया जिसके अंतर्गत खिलाड़ियों को खेल के राजस्व का निश्चित प्रतिशत दिया जाता है।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - June 23, 2017 5:53 PM IST

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम © Getty Images
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम © Getty Images

सोमवार को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के आगे संशोधित वेतन का मसौदा पेश किया लेकिन एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इसे नकार दिया। मौजूदा अनुबंध की समाप्ति में सिर्फ एक सप्ताह का समय बचा है। अगर 30 जून तक यह मामला नहीं सुलझता है तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के बीच एक बड़ा बवाल होने की आशंका है।

एक ओर जहां ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने वेतन न बढ़ाए जाने की ओट में एशेज सीरीज से अपने नाम को वापस लेने की धमकी दी है। वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि अगर क्रिकेटर उनका ऑफर मंजूर नहीं करते तो उन्हें 1 जुलाई से फूटी कौड़ी नहीं दी जाएगी। इसी बीच सरकार ने दोनों पक्षों से सुलह कर लेने को कहा है और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को आगाह किया है कि इस वजह से एशेज सीरीज पर कोई प्रभाव न पड़े।

पिछले दिनों जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की वेतन बढ़ाने की बारी आई थी तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तय अनुबंध का पालन नहीं किया जिसके अंतर्गत खिलाड़ियों को खेल के राजस्व का निश्चित प्रतिशत दिया जाता है। लेकिन इस बार क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पैसे को आधारभूत क्रिकेट में लगाने के कारण को देकर क्रिकेटरों को दिए जाने वाले पैसे में कटौती की है।  ये भी पढ़ें-’टीम इंडिया के कोच बनने के लिए आवेदन देने वालों का अपमान कर रही है बीसीसीआई’

जैसा कि बात बन ही नहीं रही थी तो अब सीए (क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया) ने एसीए (ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन) को पत्र लिखते हुए नया ऑफर दिया था। सीए के एक्जिक्यूटिव जनरल केविन रॉबर्टस ने लिखा था, “खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अधिशेषों को पुरुष, महिला और घरेलू क्रिकेटरों के साथ बांटना। इसके अलावा राज्य के पुरुष खिलाड़ियों का वेतनमान बढ़ाना उनके लिए गंभीर मुद्दा है। इसलिए हम इस बात को बताने के लिए लिख रहे हैं कि दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनाने के लिए हम तैयार हैं।”

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हालांकि, एसीए ने खिलाड़ियों को इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। एसीए का कहना है कि इस अनुबंध में सभी खिलाड़ियों के राजस्व बंटवारे को लेकर कोई बात ही नहीं की गई। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण नियम व शर्तों की तो इसमें कोई चर्चा ही नहीं की गई है।