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बीसीसीआई ने वीरेंद्र सहवाग को सम्मानित किया
वीरेंद्र सहवाग भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं जिनके नाम टेस्ट मैच में तिहरा शतक है
Written by Indo-Asian News Service
Last Updated on - December 3, 2015 9:20 PM IST


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को भारत के सबसे सफल सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग को उनके तमाम योगदान के लिए सम्मानित किया। सहवाग ने 20 अक्टूबर को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इस दौरान सहवाग ने अपने सभी कप्तानों, साथियों और कोचों का धन्यवाद किया। फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन टॉस के बाद सहवाग अपने पूरे परिवार के साथ मैदान में पहुंचे। उनके साथ उनकी मां, दो बच्चे और पत्नी थीं। बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने दोनों टीमों की मौजूदगी में सहवाग को चांदी का स्मृतिचिन्ह भेंट किया। सहवाग को सम्मान के लिए दिल्ली एवं जिला क्रिकेट बोर्ड (डीडीसीए) ने कोटला स्टेडियम के नार्थ स्टैंड (अंबेडकर स्टेडियम की ओर वाला छोर) छोर का नाम बदलकर- वीरू 319 छोर-रखा है। इसी तरह साउथ क्लब हाउस छोर (मीडिया सेंटर की ओर का हिस्सा) का नाम-वीरू 309 छोर-रखा गया है। छोर के नाम में यह बदलाव सिर्फ इसी मैच के लिए है। इसके अलावा पवेलियन के ऊपरी हिस्से पर-थैंक यू वीरू-का बोर्ड लगा है।
सहवाग ने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक लगाए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में 309 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में 319 रनों की पारी खेली थी। भावनाओं से ओतप्रोत सहवाग ने उन सभी कप्तानों का धन्यवाद किया, जिनकी देखरेख में वह खेले हैं। इसके अलावा सहवाग ने अपने पिता, पूर्व साथियों-सचिन तेंदुलकर, अनिल कुम्बले, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को याद किया।
सहवाग ने कहा, “मैं अपने सभी कप्तानों, दोस्तों और कोचों का धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं उन सभी लोगों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे इस स्तर तक पहुंचने में मदद की है।” सहवाग बोले, “मैं अपने पहले कप्तान अजय जडेजा और अन्य कप्तानों का शुक्रगुजार हूं। सौरव, सचिन और द्रविड़ को मैं इस बात के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे मेरे करियर के दौरान कई नई चीजें अपनाने और खुद में बदलाव लाने की प्रेरणा दी।”
सहवाग ने आगे कहा, “मैं क्रिकेट खेलने की अनुमति देने के लिए अपने पिता का धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने मुझे वह करने की आजादी दी, जो मैं करना चाहता था। मैं अपने बचपन के कोच एएन शर्मा तथा बाकी सभी कोचों का शुक्रगुजार हूं। ये वो लोग हैं, जिनकी बदौलत मैं एक सफल खिलाड़ी बन सका। मैं यहां मौजूद सभी प्रशंसकों का धन्यवाद देना चाहूंगा। आप सब अच्छे और बुरे वक्त में मेरे साथ खड़े रहे।”
अपने विदाई सम्बोधन में सहवाग हालांकि महेंद्र सिंह धोनी का नाम लेना भूल गए, जिनकी देखरेख में वह छह साल खेले हैं। इसका कारण धोनी के साथ संबंधो में करियर के अंतिम समय में आई खटास को माना जा रहा है। विदाई समारोह के बाद सहवाग ने क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले से बातचीत के दौरान अपने संघर्ष के तमाम पलों को याद किया और साथ ही यह भी कहा कि अगर उनके दोनों बेटों में से कोई भी उनके 319 रनों के रिकॉर्ड को किसी भी स्तर पर तोड़ने में सफल रहे तो वह उसे फरारी कार गिफ्ट करेंगे।
सहवाग ने भारत के लिए 15 साल के करियर में 104 टेस्ट खेलते हुए 8,586 रन बनाए। इसके अलावा सहवाग ने 251 एकदिवसीय मैचों में 8273 रन जुटाए। टेस्ट मैचों में सहवाग के नाम 23 और एकदिवसीय मैचो में 15 शतक हैं। सहवाग एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक लगाने वाले गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं। इसके अलावा वह टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक लगाने वाले चार खिलाड़ियों में से एक हैं।
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अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में सहवाग ने सिर्फ तीन टेस्ट खेले हैं और 40.20 के औसत से रन बनाए हैं। टेस्ट में सहवाग ने 40 और एकदिवसीय मैचों में 90 विकेट लिए। इसके अलावा सहवाग ने भारत के लिए 19 टी-20 मैच खेले और 394 रन बनाए। 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे सहवाग ने अपना अंतिम टेस्ट 2 मार्च, 2013 को हैदराबाद में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था जबकि एकदिवसीय टीम के लिए वह अंतिम बार 2013 में कोलकाता में पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे।
फोटो साभार : स्टार स्पोर्ट्स से स्क्रीन शॉट