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कोच पर टीम की सफलता की जिम्मेदारी होती है सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं: गैरी कस्टर्न

कोच गैरी कस्टर्न की अगुवाई में भारतीय टीम ने साल 2011 में दूसरा वनडे विश्व कप जीता था।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - May 23, 2020 3:23 PM IST

भारतीय टीम को विश्व कप 2011 का खिताब दिलाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कस्टर्न ने कहा है कि कोचिंग एक नेतृत्व करने वाला पद है जिसके लिए इस बात की गहरी समीक्षा होनी चाहिए कि टीम और खिलाड़ी आगे कैसे बढ़ सकते हैं और उनको इसके लिए किस तरह का माहौल चाहिए। गैरी भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका टीम के भी कोच रहे चुके हैं।

डेली सन ने कस्टर्न के हवाले से लिखा है, “कोच को काफी सारी स्किल्स आनी चाहिए जो उसे एक पेशेवर टीम को हर विभाग में पूरी तरह से देखने का मौका दे।”

उन्होंने कहा, “इसमें सेशन और टूर्नामेंट्स की तैयारी, मैन-मैनेजमेंट, टीम कल्चर बनाना, संबंध बनाना, चयन, रणनीति और सपोर्ट स्टाफ, अभ्यास, ट्रेनिंग सुविधा, मीडिया, जैसी चीजें शामिल हैं जो एक टीम को अच्च स्तर पर अच्छा करने वाली पेशेवर टीम बनाती है।”

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52 साल के इस कोच ने कहा, “कोच को टीम में मौजूद हर तरह के खिलाड़ियों को सफलतापूर्वक संभालना आना चाहिए ताकि हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने का मौका मिले। कोच पर टीम में ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी होती है जिससे उच्च स्तर का प्रदर्शन निकल सके। कोच पर टीम की सफलता की जिम्मेदारी होती है सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं।”