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पुजारा ने लगाई शतकों की झड़ी, पिता बोले- टेस्‍ट क्रिकेट कम होने से प्रदर्शन पर पड़ा असर

चेतेश्‍वर पुजारा इन दिनों इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में खूब कहर ढहा रहे है. ससेक्‍ट काउंटी क्‍लब के लिए वो दो दोहरे शतक सहित कुल तीन शतक जड़ चुके हैं.

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - May 2, 2022 5:43 PM IST

आईपीएल 2022 के दौरान जहां भारतीय खिलाड़ी मैदान पर चौके-छक्‍के लगा रहे  हैं. वहीं, इंग्लिश सरजमीं पर टेस्‍ट टीम के सुपरस्‍टार चेतेश्‍वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का जलवा भी जारी है. पुजारा इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में ससेक्‍स की तरफ से खेलते हुए तीन मैचों में तीन शतक जड़ चुके हैं. खासबात यह है कि इनमें से दो शतकों को वो दोहरे शतक में तबदील करने में भी सफल रहे. इस प्रदर्शन के दम पर पुजारा ने भारतीय टीम में वापसी की नीवं भी रख दी है. पिता अरविंद पुजारा ने बेटे के खराब दौर के बारे में खुलकर चर्चा की. अरविंद पिता होने के साथ-साथ चेतेश्‍वर के कोच भी रह चुके हैं.

पीटीआई से बातचीत के दौरान उहोंने  कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पर्याप्त मैच खेलने का मौका नहीं मिलना पिछले तीन सत्र में उसके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं होने का बड़ा कारण था.’’

कोरोना वायरस के कारण रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं हो सका था और सिर्फ एक प्रारूप में खेलने वाले चेतेश्वर बिना किसी मैच अभ्यास के टेस्ट श्रृंखलाओं में खेल रहे थे क्योंकि पर्याप्त अभ्यास मुकाबले भी नहीं थे. ‘‘जब आप ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीम के खिलाफ खेलते हैं तो आपको अपने खेल के शीर्ष पर होना होता है क्योंकि वे आपको ढीली गेंद नहीं फेंकने वाले जो आपको घरेलू स्तर पर मिल सकती हैं.’’

अरविंद पुजारा ने कहा, ‘‘बड़े मुकाबलों की तैयारी के लिए उसे घरेलू स्तर पर भी पर्याप्त मैच खेलने के लिए नहीं मिले. मुझे लगता है कि इससे शीर्ष स्तर पर उसकी निरंतरता पर असर पड़ा. अब उसे नियमित तौर पर खेलने को मिल रहा है और आप उसके खेल में एक बार फिर निरंतरता देख सकते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘चयन तो चयनकर्ताओं के हाथ में होता है. मैंने उसे कहा कि तुम्हें कड़ी मेहनत जारी रखने की जरूरत है, रोजाना कड़ा प्रयास जारी रखो और नतीजे मिलेंगे.’’

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कुछ महीनों में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए चेतेश्वर के चयन पर अरविंद ने कहा, ‘‘यह फैसला चयनकर्ताओं को करना है. मुझे लगता है विदेशी परिस्थितियों में आपको मुश्किल हालात से निपटने और युवाओं के मार्गदर्शन के लिए अपने अनुभवी खिलाड़ियों की जरूरत होती है. उसे सिर्फ रन बनाते रहना होगा. ’’