David Warner ने 'मांकडिंग' को बताया खेल भावना से जुड़ा मुद्दा, मानते हैं बल्लेबाज की गलती
एमसीसी ने मांकडिंग को अनुचित खेल की श्रेणी से हटा दिया है. इस तरह से विकेट गंवाने वाले खिलाड़ी को रनआउट माना जाएगा. हालांकि डेविड वॉर्नर इसे अब भी खेल भावना से जुड़ा मुद्दा मानते हैं.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (Marylebone Cricket Club) ने मांकडिंग को अनुचित खेल की श्रेणी से हटा दिया है. अब खिलाड़ी को इस तरह आउट करना अनैतिक नहीं माना जाएगा. इसे रनआउट की श्रेणी में रखा गया है. एमसीसी ने भले ही मांकडिंग को अनुचित खेल की श्रेणी से हटाया है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड वॉर्नर (David Warner) इसके खिलाफ हैं. वॉर्नर अब भी मानते हैं कि यह खेल भावना से जुड़ा मुद्दा है. हालांकि वह इसे बल्लेबाज की गलती भी मानते हैं.
डेविड वॉर्नर ने बताया खेल भावना के खिलाफ
डेविड वॉर्नर फिलहाल पाकिस्तान के दौरे पर हैं. 12 मार्च से कराची में दूसरा टेस्ट मैच खेला जाना है, जिससे पहले वॉर्नर ने कहा, ‘‘मेरा अब भी मानना है कि खेल का इतिहास हमें बताता है कि यह खेल भावना से जुड़ा मुद्दा है. आप खिलाड़ियों से ऐसा करने की उम्मीद नहीं करते हैं. मुझे लगता है कि सीमित ओवरों की क्रिकेट में हमने ऐसा अधिक देखा है जबकि बल्लेबाज रन के लिये पहले ही आगे निकल जाता है. एक बल्लेबाज के रूप में आपको अपनी क्रीज पर रहना चाहिए.’’
डेविड वॉर्नर ने कहा, ‘‘इसमें संदेह नहीं कि यदि आप इस तरह से रन आउट हो जाते हैं तो यह आपकी गलती है. आपको बताया गया है कि जब तक गेंदबाज के हाथ से गेंद नहीं छूटती तब तक आपको क्रीज से बाहर नहीं निकलना है. इसलिए ऐसा नहीं करें.’’
'मांकडिंग' का इतिहास
साल 1947 में वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad) ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज बिल ब्राउन को इस तरह आउट किया था, जिसके बाद इसे 'मांकडिंग' कहा जाने लगा. भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी आईपीएल के दौरान इसे लकर काफी ट्रोल हो चुके हैं.
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