जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज के जरिए करीबन दो साल बाद दक्षिण अफ्रीकी वनडे टीम में लौटे डेल स्टेन 2019 विश्व कप खेलना चाहते हैं। साल 2016 में आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में नजर आए स्टेन विश्व कप स्क्वाड में जगह बनाने को चुनौती मानते हैं।
स्टेन ने कहा, “चुनौती लेना अच्छा रहता है। मुझे लगता है कि लुंगी (नगिडी) और केजी (कगीसो रबाडा) भी मेरे टीम में आने का सम्मान करेंगे क्योंकि इससे प्रतिद्वंदिता बढ़ गई है। उनकी जगह खतरे में हैं, हम सभी खतरे में हैं। आप विश्व कप में कुछ ही तेज गेंदबाज ले जा सकते हैं और हम सभी जगह के लिए मुकाबला कर रहे हैं।”
स्टेन 2015 विश्व कप खेलने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम का हिस्सा थे। सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ डकवर्थ लुईस नियम से हारकर प्रोटियाज टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। दक्षिण अफ्रीकी टीम की इस हार ने कई फैंस का दिल तोड़ दिया था। स्टेन भी चाहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका टीम विश्व कप जीते, चाहे वो उस टीम का हिस्सा हो या ना हो।
स्टेन ने कहा, “हर कोई विश्व कप जाना चाहता है और मैं भी विश्व कप खेलना पसंद करूंगा। लेकिन निजी तौर पर मैं प्रोटियाज टीम को विश्व कप जीतते देखने से ज्यादा कुछ नहीं चाहता। और अगर इसका मतलब है कि मैं विश्व कप नहीं जाता तो यही सही। मैंने वापस आकर अपना काम कर दिया, बाकी खिलाड़ियों को उनका सर्वश्रेष्ठ देने पर मजबूर किया। केजी, लुंगी और एंडिल को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया। मैं यहां आकर, क्रिकेट खेलकर और उन्हें चुनौती देकर खुश हूं।”
हाल ही में काउंटी क्रिकेट खेलकर लौटे स्टेन सफेद गेंद के क्रिकेट को चुनौती मानते हैं। उन्होंने कहा, “हैम्पशायर के खिलाफ दो हफ्ते पहले अपना आखिरी मैच खेलकर मुझे लग रहा है कि मैं चल रहा हूं, उड़ रहा हूं। लेकिन सफेद गेंद का क्रिकेट अलग ही चुनौती है। मैं यूके में लाल गेंद का क्रिकेट खेल रहा था इसलिए सफेद गेंद का क्रिकेट अलग चुनौती होने वाला है। सभी अच्छे बल्लेबाज आपके खिलाफ अटैक करेंगे, पावरप्ले और बाकी चीजें भी रहेंगे और मैने काफी समय से सफेद गेंद से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है।”