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IPL ट्रॉफी विवाद पर भड़की डायना एडुल्‍जी ने खोली BCCI अध्‍यक्ष की पोल

मीडियो में खबरें छपी थी कि डायना एडुल्‍जी खुद विजेता टीम को ट्रॉफी देना चाहती थी। उन्‍होंने इन रिपोर्ट्स को बताया एकतरफा।

user-circle cricketcountry.com Written by Indo-Asian News Service
Last Updated on - May 16, 2019 5:03 PM IST

प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी बीते कुछ दिनों से आईपीएल के फाइनल में विजेता टीम को ट्रॉफी देने की चाहत रखने की खबरों को लेकर सुर्खियों में हैं। वह इस विवाद और मीडिया में एक तरफा खबरों को लेकर दुखी हैं। डायना ने कहा है कि अगर रिपोर्ट सामने आनी है तो फिर पूरी क्यों न आए।

डायना का कहना है कि इस मामले में एकतरफा खबरें ही चली हैं जबकि पूरा मामला कुछ और है। डायना ने कहा, “विजेता को दी जाने वाली आईपीएल ट्रॉफी को लेकर मैंने कई तरह की एक तरफा खबरें पढ़ीं हैं। बात को सही तरह से रखते हुए, मैं बता दूं कि आठ अप्रैल को सीओए की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के. खन्ना ने दिल्ली में हुए मैच के दौरान ट्रॉफी देने के अपने अधिकार का त्याग कर दिया था। उन्होंने प्रोटोकॉल की परवाह नहीं की थी और एक राज्य संघ के अध्यक्ष को ट्रॉफी देने की अनुमति दी गई थी और इसलिए आईपीएल फाइनल में, सीओए सदस्य को ट्रॉफी देनी चाहिए। यह इसलिए क्योंकि बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष ने पद की गरिमा को नजरअंदाज किया था।”

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एडुल्जी ने आगे कहा कि इसके लिए उनकी पहली पसंद सीओए अध्यक्ष विनोद राय थे लेकिन उन्होंने फाइनल में आने से मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अपना और सीओए के अन्य सदस्य रवि थोड़गे का नाम सुझाया था। उन्होंने कहा कि उनकी खुद ट्रॉफी देने की कोई इच्छा नहीं थी।

एडुल्जी ने कहा, “मैंने यहां तक कहा था कि राय फाइनल में मौजूद रहेंगे तो वह ट्रॉफी देंगे लेकिन राय ने कहा था कि वह नहीं आएंगे। इसके बाद मैंने फाइनल के लिए थोड़गे और मेरा नाम सुझाया। हम दोनों में से कोई ट्रॉफी दे सकता था।”

पूर्व भारतीय खिलाड़ी के मुताबिक, खन्ना ने फाइनल से कुछ दिन पहले एक मेल किया था जिससे उन्होंने प्लान बदलने को लेकर सवाल किए थे लेकिन वहीं खन्ना ने उस मेल का जवाब नहीं दिया था कि क्यों बीसीसीआई अध्यक्ष ने फिरोज शाह कोटला मैदान पर हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतिम मैच में ट्रॉफी नहीं दी।

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उन्होंने कहा, “फाइनल से कुछ दिन पहले खन्ना ने कार्यकारी अधिकारी अमिताभ चौधरी का 2017 में लिखा गया एक मेल फॉरवर्ड किया था जिसमें कहा गया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष ही ट्रॉफी देंगे। खन्ना का 2017 का मेल दोबारा भेजना ओछी हरकत थी। वह 2018 में आईपीएल फाइनल में ट्रॉफी दे चुके थे। लगता है कि वह भूल गए थे कि दिल्ली के फिरोज शाह कोटला मैदान पर खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच के दौरान उन्होंने अपने ट्रॉफी देने के अधिकार का त्याग कर दिया था।”

एडुल्जी ने कहा, “अभी तक, कार्यकारी सचिव ने खन्ना को इस बाबत कई मेल किए कि उन्होंने किस आधार पर डीडीसीए अध्यक्ष को अपनी मौजूदगी में ट्रॉफी देने दी, लेकिन इस तरह के मेल का अभी तक खन्ना ने कोई जबाव नहीं दिया है।”

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एडुल्जी ने बताया कि फाइनल के दौरान खन्ना ने किस तरह मुसीबत खड़ी की और राई का पहाड़ बनाया। एडुल्जी ने कहा, “फाइनल के दिन उनका हमेशा की तरह ध्यान ट्रॉफी देने पर था। वह अपनी जेब में 2017 के मेल की कॉपी लेकर घूम रहे थे। मेरा मानना था कि मुझे या जनरल को ट्रॉफी देनी चाहिए क्योंकि दिल्ली में खन्ना ने परंपरा का पालन नहीं किया था।”

एडुल्जी ने कहा, “अगर मेरा मकसद सिर्फ ट्रॉफी देना होता तो मैं पहले दो संस्करणों में भी इस पर जोर देती जहां मैं फाइनल में मौजूद थी। एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी होने के नाते मैं अपने खेलने के दिनों में हमेशा से ट्रॉफी लेने के लिए प्रेरित होती थी। ट्रॉफी देना ऐसी चीज नहीं है जो मुझे प्रेरित करे। मेरा सिर्फ इतना मानना था कि खन्ना ने दिल्ली में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई थी।”

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एडुल्जी ने कहा, “कुछ अधिकारियों के मुताबिक, जिन्होंने आधी जानकारी दी है और तिल का ताड़ बनाया है, इसकी वजह असुरक्षा की भावना हो सकती है।”