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शोएब अख्तर के भारत-पाक वनडे सीरीज के प्रस्ताव पर जहीर अब्बास ने तोड़ी चुप्पी, दिया बड़ा बयान

कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - April 9, 2020 4:35 PM IST

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए धन जुटाने की कवायद में दर्शकों के बिना भारत-पाक वनडे सीरीज के आयोजन का प्रस्ताव रखा है. अख्तर का मानना है कि इससे घर बैठे दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होगा और इससे इकट्ठा होने वाली धनराशि को दोनों देशों में आधा-आधा बांट लिया जाएगा जो कोरोनावायरस से छिड़ी जंग में काम आएगा. हालांकि अख्तर के इस प्रस्ताव पर उनके हमवतन दिग्गज जहीर अब्बास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

एशियाई ब्रैडमेन का तमगा हासिल कर चुके अब्बास ने कहा, ‘यह बहुत ही मुश्किल है. हम लंबे समय से कोशिश करते आए हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है.’ कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है. दुनिया भर में 14 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 79000 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं. पूरी दुनिया में इस समय खेल आयोजन या तो स्थगित हो गए हैं या रद्द कर दिए गए हैं.

‘क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए ब्रेक अच्छा’

अब्बास का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण खेल ठप्प होने से जीवन नीरस हो गया है लेकिन यह दुनिया भर के क्रिकेटरों के लिए अच्छा ब्रेक है जो व्यस्त कार्यक्रम के कारण अक्सर परेशान रहते हैं.

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अब्बास ने कराची से भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘खेलों के बिना जीवन उबाऊ है लेकिन सेहत सर्वोपरि है. यह अभूतपूर्व हालात है. मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा कि दुनिया भर में जिंदगियां मानों थम गई हैं. इसका असर हर देश पर और हर चीज पर पड़ेगा, खेल भी अछूते नहीं है. आर्थिक नुकसान का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता.’

उन्होंने कहा कि कोई खिलाड़ी ऐसा ब्रेक नहीं चाहता लेकिन एक तरह से क्रिकेटरों के लिए यह अच्छा भी है जो लगभग साल भर परिवार से दूर खेलते ही रहते हैं.

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बकौल अब्बास, ‘यह अच्छा ब्रेक है. खिलाड़ी साल भर इतना खेलते हैं कि उन्हें परिवार के साथ समय बिताने का मौका ही नहीं मिलता. मैं उन्हें सलाह दूंगा कि आत्म विश्लेषण करें, फिटनेस पर काम करते रहें और वह सब करें जो उन्हें अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण करने का मौका नहीं मिलता.’