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ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के मालिकाना हक को लेकर मैनचेस्टर यूनाइटेड से हो रही है बातचीत: सौरव गांगुली
देश की सबसे पुरानी फुटबॉल क्लबों में से एक को अगर मैनचेस्टर युनाइटेड का साथ मिलता है तो ये भारतीय फुटबॉल में बड़ा बदलाव होगा.
Written by India.com Staff
Last Published on - May 24, 2022 5:29 PM IST

मैदान के अंदर और बाहर संघर्ष कर रही ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब दुनिया की कई दिग्गज क्लबों के साथ स्वामित्व को लेकर बातचीत कर रही है जिसमें इंग्लिश प्रीमियर लीग (EPL) की बड़ी टीम मैनचेस्टर युनाइटेड (Manchester United) भी शामिल है. देश की सबसे पुरानी फुटबॉल क्लबों में से एक को अगर मैनचेस्टर युनाइटेड का साथ मिलता है तो ये भारतीय फुटबॉल में बड़ा बदलाव होगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) इस करार को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे है. उन्होंने मीडिया को बताया कि ‘रेड डेविल्स‘ की मैनचेस्टर युनाइटेड के अलावा और कुछ अन्य लोगों के साथ बातचीत चल रही है और इससे जुड़ी तस्वीर लगभग दो सप्ताह में स्पष्ट हो जायेगी.
ईस्ट बंगाल बांग्लादेश स्थित बसुंधरा समूह के साथ भी बात कर रहा था, लेकिन इससे कोई समझौता नहीं हुआ. गांगुली ने इस मुद्दे पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए मंगलवार को कहा, ‘‘ हां हमने उनसे और अन्य लोगों से भी बात की है. किसके साथ करार पूरा होगा यह जानने के लिए 10-12 दिनों का और इंतजार करना होगा.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यूरोपीय फुटबॉल दिग्गज निवेशक के रूप में आ रहे हैं, भारतीय क्रिकेट इस पूर्व सितारे ने कहा, ‘‘ नहीं-नहीं (वे आ रहे हैं) वे क्लब मालिक के तौर पर यहां आएंगे. ’’
गांगुली ने हालांकि इस बारे में विस्तार से कुछ बताने से मना कर दिया. गांगुली ने कहा, ‘‘इसमें अभी कुछ समय और बातचीत एक स्तर पर पहुंच जाए तब हम टिप्पणी करेंगे. मैं कुछ तय हो जाने के बाद ही बोलूंगा. ’’
मैदान के बाहर के मुद्दों के कारण टीम का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है. बेंगलुरु के क्वेस कॉर्प तीन साल के करार के बावजूद दो साल के बाद ही टीम का साथ छोड़ दिया. . 2020-21 सत्र में जब वे निवेशक ढूंढने में असफल रहे तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने श्री सीमेंट के साथ उनका करार करवाया.
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ईस्ट बंगाल के लिए हालांकि यह जुड़ाव भी सही नहीं रहा क्योंकि उनकी कार्यकारी समिति ने करार में विसंगतियों का दावा करते हुए अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इन विवादों के कारण टीम आईएसएल के अपने पहले सत्र में नौवें और बीते सत्र में तालिका में आखिरी स्थान पर रही.