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England के खिलाड़ियों पर लग सकता है बैन, ECB उठाने जा रहा ये बड़ा कदम

27 वर्षीय तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन ने साल 2012 से 2014 तक लिंगभेद और नस्लवाद से जुड़े कुछ ट्वीट किए थे, जिसके चलते उन पर बैन लगाया जा चुका है.

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - June 12, 2021 8:46 PM IST

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (England and Wales Cricket Board) अपने खिलाड़ियों के मीडिया अकाउंट की समीक्षा करेगा, जिससे खिलाड़ियों पर उनकी आपत्तिजनक पोस्ट के लिये अनुशासनात्मक प्रतिबंध लग सकता है. ईसीबी ने इससे पहले तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन (Ollie Robinson) को उन नस्लीय ट्वीट पर निलंबित कर दिया था जो उन्होंने 2012-13 में की थी. ये ट्वीट पिछले हफ्ते न्यूजीलैंड के खिलाफ लॉर्ड्स पर ड्रॉ हुए पहले टेस्ट में उनके इंग्लैंड के लिये पदार्पण मैच के दौरान सामने आयी जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया और खेल में नस्लवाद को लेकर बहस फिर से शुरू हो गयी. जांच लंबित रहने तक खिलाड़ी को निलंबित कर दिया गया क्योंकि ईसीबी एक अन्य खिलाड़ी की आपत्तिजनक ट्वीट की जांच कर रहा है.

ईसीबी ने एक बयान में कहा, ‘‘बोर्ड कार्यकारी की सोशल मीडिया समीक्षा की सिफारिश पर सहमत हो गया जिसमें किसी भी पुराने मुद्दे का निपटारा किया जायेगा, खिलाड़ियों को आगे उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की याद दिलायी जायेगी और उन्हें साथ ही सबक सीखने में मदद होगी.’’

ईसीबी बोर्ड की एक बैठक बुधवार को हुई थी. ईसीबी ने बयान में कहा, ‘‘बोर्ड स्पष्ट था कि यह प्रक्रिया भविष्य में और अनुशासनात्मक कार्रवाई से नहीं बचायेगी, अगर यह जरूरी हुई तो लेकिन उम्मीद जतायी गयी कि खेल इस मुश्किल समय से मजबूती से निकल सकता है.’’

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इस समीक्षा में प्रशासक, खिलाड़ी, कोच और पेशेवर क्रिकेटर संघ सभी शामिल होंगे. ईसीबी के अध्यक्ष इयान वाटमोर ने बोर्ड की विविधता और समावेशिता पर प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट को सभी का खेल बनाना खेल की ‘प्रेरणादायक पीढ़ी’ की रणनीति का केंद्र है. राष्ट्रीय संचालन संस्था के तौर पर हमें एक छवि पेश करने में मदद के लिये एक बीच का रास्ता तय करना चाहिए, उन्हें शिक्षित करना चाहिए कि उनसे क्या उम्मीद की जाती है और उन्हें सार्वजनिक रूप से खुद को व्यक्त करने की जगह भी देनी चाहिए.’’ वाटमोर ने कहा, ‘‘हमें उनके एक्शन की भी जांच करनी चाहिए और इसमें कमी आने पर उन्हें दंडित भी करना चाहिए.’’