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टेस्ट में वीरेंदर सहवाग जितना प्रभावी खिलाड़ी कोई और नहीं : गौतम गंभीर

पूर्व सलामी बल्लेबाजी गौतम गंभीर ने अपने साथी क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग की तारीफ की।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - July 27, 2020 2:21 PM IST

अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी शैली की वजह से पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ने वनडे क्रिकेट में धमाल मचाया था। वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज सहवाग ने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly), सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई थी।

यूं तो उनकी बल्लेबाजी सीमित ओवर फॉर्मेट के लिए ज्यादा सही मानी जाती है लेकिन सहवाग ने समीक्षकों को गलत साबित करते हुए टेस्ट फॉर्मेट में भी कई उपलब्धियां हासिल की।

उनके साथ खिलाड़ी और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का भी यही कहना है। उनका मानना है कि किसी और खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकटे पर सहवाग जितना प्रभाव नहीं डाला।

स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर गंभीर ने कहा, “कोई भी टेस्ट में सहवाग के प्रभाव की बराबरी नहीं कर सकता। किसी ने भी नहीं सोचा था कि वो इतना प्रभावी टेस्ट सलामी बल्लेबाज बन जाएगा। लोगों को हमेशा लगता था कि वो सीमित ओवर फॉर्मेट में कहीं ज्यादा सफल होगा। अगर आप उसके रिकॉर्ड को देखें तो वो टेस्ट क्रिकेट में कहीं ज्यादा सफल है। और यही वीरेंदर सहवाग है।”

अपने ओपनिंग पार्टनर के बारे में बात करते हुए गंभीर ने साल 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चेन्नई टेस्ट को याद दिया। सहवाग ने इस मैच में 83 रनों की पारी खेली थी और भारत को मैच जिताया था।

उन्होंने कहा, “मुझे एक पारी याद है जो उसने चेन्नई में खेली गई थी जब हमने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था। हम एक टर्नर पिच पर लगभग 350 (387) रनों का पीछा कर रहे थे, जहां विपक्षी टीम में ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर थे, और वीरेंद्र सहवाग ने 60-रन बनाए (सहवाग ने 83 रन बनाए थे)। मात्र 60 (83) रन बनाकर अगर आप मैन ऑफ द मैच बन सकते हैं तो इससे दिखता है कि आप कितने प्रभावी खिलाड़ी हैं।”

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गंभीर ने आगे कहा, “और, खेल सेट करते हुए, अगर वीरेंद्र सहवाग लंच तक बल्लेबाजी करते हैं, तो आप लगभग 100 रन तक पहुंच जाएंगे। ज्यादातर टीमें टेस्ट मैच के पहले दिन इस तरह से नहीं खेलते, आप जितना हो सके उतना आराम से खेलना चाहते हैं। लेकिन वीरेंदर सहवाग एकदम अलग थे। इसलिए कोई और टेस्ट क्रिकेट में उनके प्रभाव की बराबरी नहीं कर सकता है।”