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खतरे में गौतम गंभीर की कुर्सी ! यह सीरीज होगा आखिरी मौका, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई फिर उनके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है.

user-circle cricketcountry.com Written by Akhilesh Tripathi
Published: Jan 01, 2025, 09:39 PM (IST)
Edited: Jan 01, 2025, 09:39 PM (IST)

Gautam Gambhir was not first choice coach: भारतीय क्रिकेट जब अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों कप्तान रोहित शर्मा और सीनियर बल्लेबाज विराट कोहली की खराब फॉर्म से जूझ रहा है तब मुख्य कोच गौतम गंभीर और उनके सहयोगी स्टाफ की टीम में बदलाव के दौर से निपटने में भूमिका भी चर्चा का विषय बन गई है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम का सफर मुश्किल रहा है क्योंकि उसे आक्रामक और बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने सही संयोजन हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा है.

भारतीय टीम शुक्रवार से सिडनी में पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच खेलेगी जिसे जीतना उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. मैदान पर आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण मैदान के बाहर भी कुछ समस्याएं पैदा हो रही हैं और ड्रेसिंग रूम में अशांति की चर्चाएं बढ़ रही हैं.

गंभीर टीम के अधिकांश खिलाड़ियों के साथ एकमत नहीं !

पता चला है कि गंभीर टीम के अधिकांश खिलाड़ियों के साथ एकमत नहीं हैं और संवाद उतना अच्छा नहीं है जितना रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के समय हुआ करता था. कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि वह चयन के मुद्दों पर खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बात करते हैं लेकिन जुलाई में गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद रोहित ने कुछ ऐसे खिलाड़ियों को स्पष्ट रूप से नहीं बताया है कि उन्हें टीम से बाहर क्यों रखा जा रहा है जो जूनियर नहीं हैं.

रोहित की स्वयं की खराब फॉर्म ने भी उनकी मदद नहीं की है, लेकिन यह भी विश्वसनीय रूप से पता चला है कि अधिक मुखर व्यक्ति माने जाने वाले गंभीर को खिलाड़ियों के उस समूह का बहुत अधिक विश्वास हासिल नहीं है जो कोहली या रोहित जितने उम्रदराज नहीं हैं लेकिन हर्षित राणा या नितीश रेड्डी जैसे नए भी नहीं हैं.

अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ फिर…

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है, अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी. चयन समिति के साथ गंभीर का समीकरण भी इस समय स्पष्ट नहीं है, टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो एकादश के साथ प्रयोग करने की उनकी प्रवृत्ति के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मौजूदा श्रृंखला में रेड्डी जैसे खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन शुभमन गिल से जुड़े फैसलों को लेकर अब भी बहस चल रही है. बीसीसीआई सचिव जय शाह अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख बन गए हैं और बोर्ड को उनका पूर्णकालिक उत्तराधिकारी 12 जनवरी के बाद ही मिलेगा। एक बार प्रशासनिक स्थिरता आ जाने के बाद बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को कुछ सोचना होगा. जब तक शाह बीसीसीआई के प्रभारी थे तब तक वही फैसले करते थे, बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी को कोई नीति संबंधी फैसला लेते नहीं देखा गया है.

चैंपियंस ट्रॉफी होगा आखिरी मौका !

लेकिन अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा तो गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों प्रारूप के कोच नहीं बनना चाहते थे इसलिए वह एक समझौता थे, जाहिर है कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं.

न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद उठ रहे सवाल

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई तो पूर्व सलामी बल्लेबाज के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं. पहले से ही एक विचारधारा यह है कि गंभीर को केवल टी20 टीम की कमान सौंपी जानी चाहिए जो एक ऐसा प्रारूप जिसमें वह सफल कप्तान और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपरजायंट्स दोनों के सफल मेंटर (मार्गदर्शक) रहे।

एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वह विराट कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ लगातार आउट होने के मामले में कोई समाधान दे पाए हैं? हालात को देखते हुए, इसका जवाब ‘नहीं’ ही लगता है.

भारत के लिए 90 से अधिक टेस्ट खेलने वाले एक पूर्व दिग्गज ने कहा, गौतम अपने पूरे जीवन में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए गेंद को स्लिप और गली की तरफ दबाते थे, इसलिए उन्हें पता है कि कोहली की समस्या क्या है, उन्होंने इसे एक खिलाड़ी (2014 में) और एक कमेंटेटर के रूप में और अब एक कोच के रूप में देखा है. उन्होंने कहा, अगर उसे (गंभीर को) पता है कि क्या गलत है तो उसे (कोहली को) यह बताना चाहिए.

बीसीसीआई के अधिकारी सहयोगी स्टाफ के एक प्रमुख सदस्य के बारे में कुछ अन्य घटनाक्रमों पर भी नजर रख रहे हैं जिसके साथ सभी स्थानों पर उसका निजी सहायक रहता है. ऐसा माना जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति को आईपीएल के दौरान मैदान पर जाने की सुविधा थी जहां वह मैच के बाद फ्रेंचाइजी जर्सी पहनकर प्रवेश करता था. एक शीर्ष सूत्र के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में बीसीसीआई सदस्यों को समर्पित बॉक्स में उसकी उपस्थिति को सराहा नहीं गया.

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इनपुट- भाषा