Cricket Country Staff
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Written by Cricket Country Staff
Last Published on - October 20, 2018 10:20 AM IST
हाल ही में बीसीसीआई ने आगामी देवधर ट्रॉफी के लिए टीमों का ऐलान किया। दिनेश कार्तिक की कप्तानी में इंडिया ए, श्रेयस अय्यर की कप्तानी में इंडिया बी और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में इंडिया सी का ऐलान किया गया। इंडिया सी स्क्वाड में रहाणे, सुरेश रैना, शुभमन गिल और विजय शंकर जैसे बड़े नामों के बीच एक ऐसा भी चेहरा है, जिसपर शायद ही आपकी नजर गई हो, वो हैं कोलकाता के पापू रे। आज हम आपको पहली बार देवधर ट्रॉफी खेलने जा रहे 23 साल के पापू रे की दिल छू लेने वाली कहानी बताने जा रहे हैं।
पापू के माता पिता जामदार और पार्वती रे बिहार से बंगाल आकर बस गए थे। पापू ने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। जिसके बाद उनके अंकल ने उनकी देखरेख की लेकिन जब पापू 15 साल के थे तो उनके अंकल का भी निधन हो गया। इस दौरान क्रिकेट ही पापू के लिए रोटी का साधन बन गया। पीटीआई से बातचीत में अपनी कहानी बताते हुए उन्होंने कहा, “भइया लोग बुलाते थे और बोलते थे कि गेंद डालेगा को खाना खिलाऊंगा। और हर विकेट का दस रुपया देते थे।” तब पापू को भी नहीं पता था कि केवल दो वक्त की रोटी कमाने के लिए वो जिस खेल से जुड़ रहे हैं वो आगे चलकर उनकी जिंदगी बदल देगा।
पापू की किस्मत तब खुली जब हावड़ा यूनियर क्रिकेट अकादमी के कोच सुजीत साहा ने उन्हें तेज गेंदबाजी छोड़ लेफ्ट आर्म स्पिन करने की सलाह दी। पापू ने 2011 में कैब की सेकेंड डिवीजन लीग में सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। पापू ने केवल 9 मैचों में 50 विकेट ले डाले। हालांकि इरेश सक्सेना और प्रज्ञान ओझा जैसे बड़े खिलाड़ियों के होते पापू को बंगाल टीम में जगह नहीं मिल पाई। लेकिन वो कहते हैं ना कि ‘किसी का नुकसान, किसी का फायदा होता है’ बंगाल ने जो खोया, उसे उड़ीसा ने पाया। रोजी-रोटी की तलाश में पापू उड़ीसा चले आए।
पापू ने कहा, “मेरे दोस्त मुजाकिर अली खान और आसिफ इकबाल खान से मैं यहां (उड़ीसा) मिला और उन्होंने मुझे रहने को छत और खाना दिया। इसलिए उड़ीसा ही मेरा घर बन गया।” 2015 में पापू ने उड़ीसा की अंडर-23 टीम में जगह बनाई। उन्होंने बताया, “कटक में अंडर-23 टीम का ट्रायल चल रहा था। मेरे दोस्तों ने कहा कि अगर सुरेश कुमार सर मुझे गेंदबाजी करते देख लेंगे तो मेरा चयन पक्का। सुरेश सर तीसरे मैच के दौरान आए और मेरा चयन हो गया।”
तीन साल बाद पापू के लिस्ट ए करियर की शुरुआत हुई। आंध्र प्रदेश के खिलाफ अपने डेब्यू लिस्ट ए मैच में पापू ने हाल ही में भारतीय टीम में डेब्यू करने वाले हनुमा विहारी और अंडर-19 कप्तान रिकी भुई का विकेट लिया। हालांकि वो हैट्रिक से चूक गए। जल्द ही अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में देवधर ट्रॉफी खेलने वाले पापू ने भावुक होकर कहा, “काश मेरे माता-पिता मुझे इंडिया सी के लिए खेलते देख पाते। मैं पूरी रात सो नहीं पाया और रोता रहा। मुझे लगता है कि मेरे सालों की मेहनत आखिरकर सार्थक साबित हो रही है। उम्मीद है कि मुझे एक मौका मिलेगा और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाऊंगा। ये सीखने का एक अच्छा मौका होगा।”
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