'मैं दिखाना चाहता था कि किस चीज के लिए मैंने इतनी कड़ी मेहनत की है', चैंपियन हार्दिक के जोशीले बोल
हार्दिक पंड्या ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी और आज वह दिन था जब वह दिखा सकें कि उन्होंने कितनी कड़ी मेहनत की है।
अहमदाबाद: गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) की टीम पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premeir League) में खेल रही थी। वह लीग स्टेज में टॉप पर रही। उसके बाद उसने पहला क्वॉलिफायर (IPL 2022) जीता और फिर फाइनल में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) को हराकर उसने खिताब पर कब्जा किया। रविवार का दिन और अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) गुजरात टाइटंस की इस ऐतिहासिक जीत का गवाह बना। मैच के बाद कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) बहुत खुश नजर आए। पंड्या ने कहा कि वह दिखाना चाहते थे कि उन्होंने कितनी कड़ी मेहनत की है और आज उसका दिन था।
गेंदबाजी में दिखा अलग रंग
27.75 के औसत से सीजन में 8 विकेट लेने वाले पंड्या ने कहा, 'मैं दिखाना चाहता था कि मैंने किस चीज के लिए इतनी मेहनत की है। आज मेरी गेंदबाजी के लिहाज से वह दिन था। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ इस बड़े दिन के लिए बचा रखा रखा था।'
हार्दिक ने गुड लेंथ के आसपास गेंदबाजी की और इस पर उन्हें कामयाबी भी मिली। जोस बटलर, संजू सैमसन और शिमरॉन हेटमायर का विकेट लेने वाले हार्दिक ने चार ओवरों में सिर्फ 17 रन दिए। पंड्या से जब उनकी लेंथ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दूसरी गेंद पर ही उन्हें अहसास हो गया था कि इस पिच पर क्या गेंदबाजी करनी है।
उन्होंने कहा, 'संजू सैमसन का विकेट लेने के बाद मैंने देखा कि अगर आप विकेट पर हार्ड हिट करो और अगर आप सीम पर गेंद को पिच करें तो कुछ न कुछ तो होगा। मेरी कोशिश थी कि सही लेंथ पर गेंद को पिच करूं और बल्लेबाज से कहूं कि वह अच्छे शॉट पर रन बनाए बजाय इसके कि मैं कुछ ट्राय करने की कोशिश में बाउंड्री दे दूं।'
हार्दिक की बल्लेबाजी में दिखा दम
हार्दिक इस सीजन में गुजरात टाइटंस के सबसे कामयाब बल्लेबाज रहे। सीजन में 44.27 के औसत से 487 रन बनाने वाले हार्दिक ने सीजन में वह नई भूमिका में दिखे। भारतीय टीम और मुंबई इंडियंस के लिए फिनिशर की भूमिका निभाने वाले हार्दिक ने गुजरात के लिए सीजन में अधिकतर मौकों पर नंबर चार पर बल्लेबाजी की। उनसे जब पूछा गया कि आपकी स्ट्राइक रेट 160-170 की रहती है लेकिन यहां कुछ अलग रहा तो उन्होंने कहा, 'मैं किसी भी दिन इस ट्रॉफी के लिए 160-170 की स्ट्राइक रेट छोड़ सकता हूं। टीम सबसे जरूरी है। मैं जिस भी टीम के लिए खेलूं। मैं हमेशा से ऐसा ही रहा हूं कि बाहर का शोर मुझे प्रभावित नहीं करता। अगर मेरे लिए सीजन सबसे बुरा भी रहे और टीम जीत जाए तो मैं इसे खुशी से स्वीकार कर लूंगा।'
टीम की रणनीति पर
पंड्या ने कहा, 'मैं और आशु पा (आशीष नेहरा) इस बात को लेकर सहमत थे कि हमें हमेशा पांच गेंदबाज खिलाने हैं जो हमारे लिए ज्यादातर मौकों पर मैच जीत सकें। मैंने अकसर टी20 क्रिकेट में देखा है कि यह बल्लेबाजों का खेल है लेकिन गेंदबाज आपको मैच जितवाते हैं।'
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