Akhilesh Tripathi
पत्रकारिता में करियर की शुरुआत आर्यन टीवी (पटना) से हुई, फिर ईनाडु डिजीटल (ईटीवी हैदराबाद) में लगभग एक साल का ...Read More
Written by Akhilesh Tripathi
Last Published on - December 4, 2022 4:52 PM IST
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल का मानना है कि टी20 लीग ‘खरपतवार से भी तेजी से फैल’ रही हैं और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का महत्वाकांक्षी भविष्य कार्यक्रम व्यवधान की ओर बढ़ रहा है. चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ के लिए अपने लेख में लिखा कि खेल प्रशासकों और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच एक स्वस्थ साझेदारी की अनुपस्थिति इस प्रक्रिया को तेज कर सकती है.
हाल ही में स्टीव वॉ जैसे अतीत के स्टार खिलाड़ियों ने क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम के संदर्भ में कहा था कि जनता को अत्याधिक क्रिकेट परोसा जा रहा है और इस खेल में रुचि में कमी आई है.
चैपल ने लिखा कि पूरे क्रिकेट ढांचे, विशेष रूप से कार्यक्रम की खेल के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गहन लेकिन सकारात्मक समीक्षा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों और प्रशासकों के बीच साझेदारी की कमी का स्पष्ट मामला भी है. निश्चित रूप से यह ऐसा नहीं होना चाहिए जैसा कि वर्तमान में है कि प्रशासकों का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से सलाह-मशविरे के बिना कार्यक्रम तय करने का मामला है.
चैपल ने कहा कि टी20 लीग गर्मियों में खरपतवार से भी अधिक तेजी से बढ़ रही हैं और पहले से ही एक अविश्वसनीय कार्यक्रम एक बड़े विस्फोट की ओर बढ़ रहा है. टी20 लीग के प्रसार के बीच खिलाड़ियों को अब यह चुनने की आवश्यकता है कि उसे किस लीग में खेलना है और किसे छोड़ना है। ऐसे में कुछ लीग स्टार खिलाड़ियों से वंचित होंगी और लंबे समय में आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनने की उनकी क्षमता प्रभावित होगी.
चैपल ने लिखा कि टी20 लीग अब आपस में टकरा रही हैं और स्टार खिलाड़ी आईपीएल क्लबों के विस्तार के साथ लंबी अवधि के अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। इन विरोधाभासों का मतलब है कि अब समस्या होगी कि अधिक संख्या में योग्य क्रिकेटरों को कैसे तैयार किया जाए.
उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में कुछ लीग सीमित संख्या में उपलब्ध स्टार खिलाड़ियों को अनुबंधित करने में सक्षम नहीं होंगी और यह अंततः आर्थिक रूप से व्यावहारिक रहने की उनकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है.
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि ये सभी मामले हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि खेल के भविष्य में खिलाड़ियों की बात सुनी जाए. टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात करते हुए चैपल ने कहा कि पारंपरिक प्रारूप बेहतर होगा यदि यह उन देशों तक सीमित रहे जिनके पास एक मजबूत प्रथम श्रेणी ढांचा है जिसकी अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसी टीम के पास कमी है।
चैपल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट एक कठिन खेल है और खिलाड़ी इस प्रारूप में भाग लेने के अवसर के हकदार हैं यदि यह उनकी पसंद है। इसमें शामिल देशों के पास मजबूत प्रथम श्रेणी के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कई टीमों के पास इस तरह के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए पैसा नहीं है क्योंकि इस खर्चे से हुए निवेश में मुनाफा नहीं होता। मुनाफा देने वाली टी20 लीग को प्रशासक अधिक पसंद करते हैं.
इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि नतीजतन अफगानिस्तान और आयरलैंड को पुरस्कृत करने का कोई मतलब नहीं है जो टेस्ट दर्जा हासिल करने वाले नवीनतम देश हैं जिनमें से किसी के पास भी उस दर्जे की उम्मीद के मुताबिक आधार या बुनियादी ढांचा नहीं है. उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि टेस्ट दर्जा उन आठ देशों तक ही सीमित है रहना बेहतर है जिनके पास इस प्रारूप की एक लंबी संस्कृति है.
चैपल ने कहा कि अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसी टीम को टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश से पहले दूसरे दर्जे की लीग में खेलकर अनुभव हासिल करना चाहिए था.
इनपुट- पीटीआई भाषा
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