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U19 WC: बीड़ का सचिन पिता के सपने को कर रहा साकार

साउथ अफ्रीका में खेले जा रहे U19 वर्ल्ड कप में भारत के सचिन धास बल्ले से कहर बरपा रहे हैं.

user-circle cricketcountry.com Written by Vanson Soral
Last Updated on - February 7, 2024 6:51 PM IST

नई दिल्ली। सचिन धास की पुलिस अधिकारी मां नहीं चाहती थीं कि वह क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें लेकिन उनके पिता जानते थे कि वह इस खेल के लिए ही बना है. साउथ अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर-19 वर्ल्ड कप में महाराष्ट्र के बीड जिले का यह खिलाड़ी टीम के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरा है. टीम में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले सचिन ने 100 से अधिक की स्ट्राइरेट से 294 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जीत के लिए 245 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 32 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन सचिन (96) ने कप्तान उदय सहारन (81) के साथ पांचवें विकेट के लिए 171 रन की शानदार साझेदारी कर टीम की जीत की नींव रखी. उनकी इस पारी से भारत लगातार पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा.

सचिन के करियर में कोच अजहर का बड़ा हाथ

सचिन के करियर के शुरुआती दिनों में आकार देने वाले बीड के सबसे लोकप्रिय कोच में से एक शेख अजहर ने कहा, ‘‘हमारे पास यहां (बीड में) केवल आधी पिचें (लगभग 11 गज) हैं. सचिन साढ़े चार साल की उम्र में अपने पिता के साथ जब यहां आये थे तब उन्होंने भी आधी पिचों पर प्रशिक्षण लिया था.’’

इस खिलाड़ी का नाम महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से प्रेरित है और वह मैदान पर तेंदुलकर की तरह 10 नंबर के साथ जर्सी पहनते हैं. वह हालांकि विराट कोहली के प्रशंसक है. सचिन के पिता संजय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब 2005 में उसका जन्म हुआ तो मैंने उनका नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक था, लेकिन वह विराट कोहली को भी बहुत पसंद करता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सचिन का कोई दोस्त नहीं है. मैं ही उसका दोस्त हूँ. वह किसी शादी, किसी जन्मदिन में कहीं नहीं गया. मैंने ऐसा कुछ नहीं करने दिया जिससे उसका ध्यान क्रिकेट से हटे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उसकी मां पुलिस में है तो वह बहुत अनुशासित है.’’

मां पुलिस सब इंस्पेक्टर

इस बीच संजय के पास बेटे की शानदार पारी के लिए बधाई देने के लिए लगातार फोन कॉल आ रहे थे. सचिन की मां सुरेखा 2010 में महाराष्ट्र पुलिस से जुड़ी और वह अब सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर है. संजय ने कहा, ‘‘एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उनके काम के घंटे तय नहीं हैं और वह कभी नहीं चाहती थीं कि सचिन का पूरा ध्यान क्रिकेट पर रहे. इस बात को लेकर बीच मतभेद थे लेकिन मैं जानता था कि मेरा बेटा क्रिकेटर ही बनेगा.’’

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उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘धीरे-धीरे वह समझ गई और अब ड्यूटी के बीच में अपने फोन पर वर्ल्ड कप के मैच देखती है.’’ सचिन के अभ्यास के घंटों के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ‘‘ वह सुबह चार घंटे और शाम को साढ़े तीन घंटे अभ्यास करता है, इसमें जिम का समय भी शामिल है. मुझे कोच अजहर को श्रेय देना चाहिए. उनके बिना हमने यह दिन नहीं देखा होता.’’