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अगर भुगतान मुद्दे का साया एशेज पर पड़ता दिखाई दिया तो ऑस्ट्रेलिया सरकार कर सकती है मध्यस्थता

ऑस्ट्रेलियाई खेल मंत्री ने कहा,"मैं नहीं चाहता कि खिलाड़ी और मैनेजमेंट 1970 के ढर्रे पर लौटे। जब दूसरे दर्जे की टीम को एशेज खेलना पड़ी थी। खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलना अच्छा लगता है।"

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - May 28, 2017 3:46 PM IST

ऑस्ट्रेलिया टीम  © Getty Images
ऑस्ट्रेलिया टीम © Getty Images

भले ही ऑस्ट्रेलिया टीम ने भुगतान बढ़ाने के मुद्दे को कुछ दिन के लिए ठंडे बस्ते में डालते हुए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में शामिल होने का निर्णय ले लिया हो। लेकिन टूर्नामेंट खत्म होने के बाद फिर से ये मुद्दा उठेगा, ये तो तय है। ऑस्ट्रेलिया के खेल मंत्री ग्रेग हंटी ने कहा है कि अगर यह मुद्दा लगातार यूं ही जारी रहता है तो ऑस्ट्रेलियाई सरकार मध्यस्थता करेगी। जैसा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के चेयरमेन डेविड पीवर ने एसीए के निवेदन पर स्वतंत्र मध्यस्थता पर अपनी असहमति जताई थी। ऐसे में आगे के प्रयासों के लिए टीम के प्रदर्शन प्रबंधक पैट होवार्ड प्रत्यक्ष रूप से टीम के खिलाड़ियों से इस संबंध में बातचीत करेंगे। हंट ने बताया कि प्रोफेशनल स्पोर्ट के अनुबंध विवाद में सरकार हाथ डालने से हिचक रही है।

बहरहाल, उन्होंने बताया कि अगर इस विवाद का असर आगामी एशेज सीरीज में पड़ता हुआ दिखाई दिया तो सरकार मध्यस्थता के लिए सोच सकती है। हंट ने एबीसी न्यूज से बातचीत में कहा, “अगर ये विवाद काफी आगे चला जाता है, मुझे लगता है कि तब हमें इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी ओर से अधिकारी भेजने होंगे, लेकिन अभी एशेज के लिए 6 महीने बचे हैं। अगर इस मुद्दे के कारण पूरी टीम नहीं खेलती, ये हम सोचना तक नहीं चाहेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं नहीं चाहता कि खिलाड़ी और मैनेजमेंट 1970 के ढर्रे पर लौटे। जब दूसरे दर्जे की टीम को एशेज खेलना पड़ी थी। खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलना अच्छा लगता है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया जानती है कि यह खेल की मौलिक बाते हैं। यह हमारी राष्ट्रीय पहचान का अंग है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि दोनों के बीच समझौता हो जाएगा।” ये भी पढ़ें-1 ओवर में 7 रन नहीं बना पाई दुनिया की नंबर एक टीम, जीता हुआ मैच हार गया द.अफ्रीका

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अन्य क्षेत्रों में विकास के बीच, सीए ने सरकार से संबंध बड़े स्तर पर बढ़ाए हैं। इसके पहले सरकार का एक स्टाफर सिर्फ मेलबर्न में बैठा करता था। अब हर राज्य में एक स्टाफर बैठता है। ये सभी जोलिमोंट के हेड ऑफिस को रिपोर्ट करते हैं।