This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
हार्दिक पांड्या की टेस्ट टीम में वापसी पर बोले वीरेंदर सहवाग- ऑलराउंडर की भूमिका में ही लौंटे
भारत और ऑस्ट्रेलिया टीमों के बीच 17 दिसंबर से चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज खेली जानी है।
Written by India.com Staff
Last Published on - December 11, 2020 12:29 PM IST

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर फॉर्मेट सीरीज में कई मैचविनिंग पारियां खेलने के बाद हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को 17 दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें भारतीय टेस्ट स्क्वाड में शामिल किए जाने पर चर्चा की जा रही है। इस मामले पर पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) का कहना है कि अगर पांड्या गेंदबाजी शुरू कर देते हैं तो वो टेस्ट टीम का अहम हिस्सा बन सकते हैं।
दरअसल पांड्या ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली छह मैचों की सीमित ओर फॉर्मेट सीरीज के एक वनडे मैच में ही गेंदबाजी की थी। बैक इंजरी की वजह से पांड्या साल 2018 के इंग्लैंड दौरे के बाद से टेस्ट टीम से बाहर हैं।
सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के कार्यक्रम में सहवाग ने कहा, “अगर वो गेंदबाजी कर रहा होता वो टेस्ट टीम का हिस्सा होता। मुमकिन है कि हार्दिक पांड्या ने चयनकर्ताओं से उन्हें टेस्ट मैचों के लिए उनके नाम पर विचार ना करें क्योंकि वो गेंदबाजी के लिए फिट नहीं है और वो वनडे, टी20 ही खेलेंगे और फिर वो अपने परिवार के पास लौट जाएंगे।”
पूर्व दिग्गज ने कहा, “लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि जब वो गेंदबाजी करना शुरू करेगा तो वो टेस्ट टीम का अहम हिस्सा होगा। क्योंकि वो वनडे और टी20 में जिस तरह से बल्लेबाजी करता है, कल्पना करें कि वो टेस्ट क्रिकेट में भी 6 या 7 नंबर पर खेलते हुए उसी तरह से रन बनाना शुरू कर दे, तो भारत उस मैच को जीतने के लिए अच्छी स्थिति में होगा।”
TRENDING NOW
अपने करियर के दौरान टेस्ट क्रिकेट में भी सीमित ओवर फॉर्मेट की स्ट्राइक रेट से रन बनाने के लिए मशहूर रहे सहवाग ने आगे कहा, “टेस्ट क्रिकेट में भी तेजी से रन बनाने की काफी अहमियत होती है क्योंकि ऐसा करने से आप अपने गेंदबाजों को दूसरी टीम को ऑलआउट करने के लिए ज्यादा समय भी देते हैं।”