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ODI क्रिकेट को लेकर सचिन ने जाहिर किया अपना ‘दर्द’, गेंदबाजों के सपोर्ट में उतरे

सचिन तेंदुलकर ने माना कि T20 प्रारूप की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि ODI क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाये.

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Published on - April 21, 2023 8:07 PM IST

मुंबई। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा कि वनडे क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा है और इसको सही तरीके से जारी रखने के लिए बल्ले और गेंद के बीच के असंतुलन पर गौर किया जाना चाहिए. इस पूर्व खिलाड़ी ने माना कि T20 प्रारूप की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि ODI क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाये.

तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से कहा, ‘‘आप पलक झपकाते हैं और मैच खत्म हो जाता है. लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वनडे प्रारूप पर ध्यान देने की जरूरत है.’’ तेंदुलकर सोमवार को 50 साल के हो जायेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन है. यह इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में बहुत अधिक झुका हुआ है.’’

उन्होंने गेंदबाजों को कुछ फायदा देने की वकालत करते हुए कहा, ‘‘ODI में दो नयी गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं करा पता है. इससे गेंद ना तो नरम होती है ना ही उसका रंग फीका पड़ता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन चीजों से गेंदबाजी टीम दबाव में होती है. गेंद का रंग और चमक उड़ने की चुनौती पहले भी थी और तब बल्लेबाज शिकायत करते थे. यह थोड़ा गेंदबाजों के पक्ष में था.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ गेंदबाजों को भी कुछ फायदा मिलना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि अभी खेल से वह तत्व गायब है. इसके साथ ही 30 गज के दायरे में में पांच क्षेत्ररक्षकों मौजूदगी के कारण स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव करने का जोखिम नहीं ले सकते है.तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट को 25-25 ओवर की चार पारियों में विभाजित करने के पहले दिए गए सुझावों को याद करते हुए कहा कि इस तरह के बदलाव से दोनों टीमों को समान परिस्थितियों में समान अवसर मिलेंगे जो इस समय सिक्के (टॉस) के कारण एक पक्ष की ओर झुक जाता है.