Manoj Shukla
मनोज शुक्ला क्रिकेटकंट्री हिंदी में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं
Written by Manoj Shukla
Last Updated on - November 17, 2016 4:56 PM IST
नमस्कार, आदाब क्रिकेटकंट्री हिंदी की लाइव कवरेज में आपका स्वागत है। मैं मनोज शुक्ला भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट की पल-पल की अपडेट से आपको रूबरू करवाऊंगा।
दूसरा टेस्ट मैच डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम विशाखापट्नम में खेला जा रहा है। इस स्टेडियम में खेला जाने वाला यह पहला टेस्ट मैच है। पिछले हफ्ते दोनों देशों के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई थी और पहला मैच बराबरी पर समाप्त हुआ था।
जब राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया हारते- हारते बची तो कप्तान विराट कोहली ने कहा था, “इंग्लैंड एक ऐसी टीम है जिसे हम मामूली रूप में नहीं लेंगे।” गौर करने वाली बात है कि ये बयान नंबर एक टेस्ट टीम के कप्तान की ओर से आया है। एक ऐसा कप्तान जो कभी अविश्सनीय इंग्लैंड टीम को 5-0 से हराने का मंसूबे देख रहा था। वहीं दूसरी ओर कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे सहवाग कह रहे हैं कि भारत को चैंपियन की तरह खेलना चाहिए। लेकिन इसका परिणाम कुछ खास नहीं निकला और पहला टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
या यूं कह सकते हैं कि इंग्लैंड मैच जीतने के मुहाने पर खड़ा नजर आ रहा था। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में पहली बार विराट कोहली के हौंसले कुछ हद तक पस्त नजर आए हैं। जब उन्होंने कहा था, “शायद कोई साहसी आदमी ही होता जो 240 के स्कोर तक पारी की घोषणा करता लेकिन मैं सोचता हूं कि उस स्कोर पर पारी को घोषित किया जाना एक अच्छा निर्णय था।” वर्तमान क्रिकेट परिदृश्य के हिसाब से देखें तो इन दोनों टीमों के सुरक्षात्मक रवैए को देखकर हर किसी को परेशानी हो रही है, क्योंकि यह ऐसा समय है जब टीमें परिणाम प्राप्त करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं।दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की टीम बढ़े हुए मनोबल के साथ मैदान पर उतरेगी क्योंकि पहले मैच में इंग्लैंड ने भारत पर शिकंजा कस लिया था लेकिन विराट कोहली की पारी की मदद से भारत ने मैच को ड्रॉ करा लिया था।
कोहली ने कुछ और बातें कहीं, “कम से कम हम ये जानते हैं कि मैच को कैसे ड्रॉ करवाया जाता है। इसके पहले कई लोग इस बात को लेकर अविश्वास में थे कि हमारी टीम मैच ड्रॉ करवाना जानती है कि नहीं। गौर करने वाली बात है कि कोहली वही कप्तान हैं जो बतौर कप्तान अपने पहले टेस्ट मैच में एडीलेड में पांचवें दिन 364 रनों का स्कोर चेज करना चाहते थे। लेकिन, अंततः उनकी टीम 48 रन पीछे रह गई थी। उस समय भी लोगों ने कोहली की खूब मटिया पलीत की थी और उनकी इस बात को लेकर खूब आलोचना हुई थी कि वह ड्रॉ के लिए क्यों नहीं खेले। लेकिन ये सब नहीं है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। वह हमेशा ही विरोधी टीम के परखच्चे उड़ाने को लेकर लालायित रहते हैं। लेकिन यह सबकी सोच से परे है कि वही चीज पहले टेस्ट में देखने को क्यों नहीं मिली?
भारत को राजकोट टेस्ट के पांचवें दिन जीतने के लिए 310 रन 5 रन प्रति ओवर के हिसाब से बनाने थे। दुनिया की नंबर एक टीम को 310 रन बनाने की दरकार थी। कोहली की टीम को 310 रन चाहिए थे(#टीममिसबाह की ही तरह शायद #टीमकोहली भी कहा जाने लगे)। कोहली ने इस टेस्ट में कुछ वैसा नहीं किया और अपने आलोचकों कोई प्वाइंट न देने के लिए ड्रॉ के लिए खेले।
हिसाब- किताब लगाया जाए तो मेजबान टीम के पाले में जीत आ सकती थी। इसके लिए कोहली बैटिंग क्रम में बदलाव कर सकते थे। खुद को नंबर तीन पर ले आते और पुजारा को नीचे उतारते। जो वह इसके पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ भी कर चुके हैं। पुजारा को नीचे इसलिए कि अगर तेजी से विकेट गिरें तो पुजारा पारी संभाल लें। इस परिस्थिति में भारत थोड़ा फायदा उठा सकता था, लेकिन ये भी कह सकते हैं थोड़ी ही ज्यादा नहीं। भारत इस बात से इंकार नहीं कर सकता। चलिए इसे थोड़ा फैक्टस के आधार पर बताएं। भारत को शुरुआत देने का जिम्मा मुरली विजय और गौतम गंभीर के कंधों पर था। दोनों ही तेज तर्रार बल्लेबाजी करने में माहिर हैं। इसके अतिरिक्त ट्रेक में कुछ ऐसा खास नहीं था जो बल्लेबाजों को परेशानी में डाल रहा हो। अगर कोहली नंबर 3 पर आते तो ये बात इंग्लैंड को भौंचक्का छोड़ देती। वहीं दूसरी ओर रहाणे जो लॉर्ड्स पर 154 गेंदों में 103 रन बना चुके हैं वह भी अच्छे रन रेट के साथ बल्लेबाजी कर सकते थे। ऐसे में क्या 5 के रन रेट से रन बनाना विश्व की नंबर एक टीम को कठिन नजर आता है?
अगर टीम इंडिया जल्दी- जल्दी विकेट खोती तो साहा और अश्विन निचले क्रम में बैठे थे जो परिस्थिति को संभाल सकते थे। अगर सच कहें तो भारत मैच हार भी सकता था। इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन ऐसी परिस्थिति में ड्रॉ से बेहतर हार होती। लेकिन क्या वेस्टइंडीज 1980 के दशक में और ऑस्ट्रेलिया 1990 के दशक में ऐसे मौकों को छोड़ता। और एक बार फिर, एडीलेड टेस्ट हमें कोहली के तरीके से रूबरू कराता है। अगर उन्होंने तब आग से खेलने का फैसला किया था तो अब क्यों नहीं?
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.