×

एक ओवर में दो बार 6- 6 छक्के मार चुके हैं राहुल त्रिपाठी, अब किया खुलासा

राहुल त्रिपाठी ने विपक्षी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी और अपनी टीम को 52 गेंदों में 93 रन ठोंकते हुए जीत की ओर प्रशस्त किया।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - May 4, 2017 9:54 AM IST

राहुल त्रिपाठी © IANS
राहुल त्रिपाठी © IANS

आईपीएल 2017 के 41वें मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट की टीमें कोलकाता के ईडेन गार्डन मैदान पर आमने- सामने थीं। लेकिन इस मैच में घरेलू टीम केकेआर की बैटिंग बुरी तरह से फ्लॉप रही और निर्धारित 20 ओवरों में 155/8 का स्कोर बना पाई। इस दौरान मनीष पांडे सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 37 रन बनाए। जवाब में राइजिंग पुणे सुपरजायंट की ओर से राहुल त्रिपाठी ने विपक्षी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी और अपनी टीम को 52 गेंदों में 93 रन ठोंकते हुए जीत की ओर प्रशस्त किया। उन्हें इनकी इस बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। अब तक आईपीएल में त्रिपाठी पुणे सुपरजायंट के लिए बेहतरीन साबित हुए हैं और 9 मचों में 352 रन बना चुके हैं।

मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिपाठी ने बताया कि वह अपनी बैटिंग से खुश हैं। उन्होंने ये भी बताया कि वह पहले के मैचो में अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में न तब्दील कर पाने के कारण नाखुश भी थे। त्रिपाठी ने बताया, “मैंने अपनी बैटिंग का आनंद लिया। मुझे अच्छी शुरुआत मिल रही थी, लेकिन उसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पा रहा था। मैं खुश हूं कि मेरी टीम आज जीती। मैं गेंद को मिडिल कर रहा था, और विकेट पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। मैं खुश हूं कि मैं अच्छा कर पाया। मैं सिर्फ गेंद को देख रहा था, मार रहा था और वह बैट पर अच्छी तरह से आ रही थी।”भी पढ़ें- आईपीएल 10, मैच 41, राइजिंग पुणे सुपरजायंट बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स का स्कोर कार्ड

TRENDING NOW

त्रिपाठी ने अपने छक्के मारने के प्यार के बारे में जिक्र करते हुए कहा, “हां, मैं एक लोकल टूर्नामेंट में(हंसते हुए) एक ओवर में दो- दो बार छह छक्के मार चुका हूं। मैं खुश हूं कि मैं अच्छा कर रहा हूं और और उम्मीद करता हूं कि मैं लगातार बड़े स्ट्रोक खेलूं।” टीम में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए त्रिपाठी ने लिखा, “मेरी भूमिका अंत तक खेलने की थी। कोच और स्मिथ ने मुझसे कहा था कि मैं वहां अंत तक रहूं। और वही मैं हर गेंद के बाद कर रहा था। गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आ रही थी और मैंने वहां पर भरपूर आनंद उठाने की कोशिश की।”