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जेम्स एंडरसन की मांग- सलाइवा बैन नियम की लगातार समीक्षा की जाय

इंग्लिश गेंदबाज जेम्स एंडरसन का कहना है कि पसीना सलाइवा का सही विकल्प नहीं है।

user-circle cricketcountry.com Written by India.com Staff
Last Published on - July 24, 2020 9:39 AM IST

कोरोना वायरस महामारी के बीच खेले जा रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हुए बदलावों में सबसे प्रमुख नियम है- सलाइवा के इस्तेमाल पर लगा बैन। इस बैन के बाद गेंदबाजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। हालांकि खिलाड़ियों ने सलाइवा के विकल्प के तौर पर पसीने के इस्तेमाल की कोशिश की है लेकिन इंग्लिश तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन (James Anderson) ने इस सिरे से नकार दिया है।

एंडरसन का कहना है कि पसीना सलाइवा का विकल्प नहीं है। वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट से पहले उन्होंने कहा, “आपको पता है कि बतौर स्विंग गेंदबाज मेरा जवाब क्या होने वाला है। इस नियम की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए। समय बदल गया है और हमें चीजें अलग तरह से करनी हैं लेकिन इस पर भी नजर डाली जानी चाहिए।”

इंग्लिश गेंदबाज ने कहा, “फिलहाल पसीने से काम चल रहा है। हमें थोड़ी स्विंग और मूवमेंट मिल रही है। लेकिन इस पर नजर रखने की जरूरत है कि कहीं आगे चलकर चीजें बल्लेबाज के पक्ष में ना जाने लगें। ये लगातार चर्चा का विषय रहा है। हमने पसीने से अच्छा काम किया है। अगर आप गेंद को संभावित रूप से सूखा रखते हैं तो रिवर्स स्विंग भी खेला का हिस्सा बन सकती है।”

तीसरे टेस्ट के लिए इंग्लैंड टीम की प्लेइंग इलेवन में वापसी करने वाले एंडरसन ने माना कि पिच और बाकी चीजों के मिलने वाली मदद के बीच आखिर में गेंदबाज की काबिलियत की विकेट लेने में काम आती ही।

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जब उनसे पूछा गया कि सीरीज की शुरुआत से ही गति को लेकर हो रही चर्चा के बीच विकेट लेने की योजना बनाने में क्या बदलाव आया है तो उन्होंने कहा, “ये केवल गति का मामला नहीं है। जाहिर है कि इससे मदद मिलती है। विकल्प होना हमेशा ही अच्छा होता है लेकिन आखिरी में, मेरे हिसाब से काबिलियत सबसे अहम होती है। अच्छी लाइन और लेंथ, अच्छी ही होती है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि गेंद स्विंग हो रही है या नहीं। पिछले टेस्ट में हमारे पास अतिरिक्त गति नहीं थी। हमारे गेंदबाज 80-85 mph की गति से गेंदबाजी कर रहे थे। वो सटीक और निरंतर थे।”