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विश्वकप के दौरान प्लेइंग इलेवन से बाहर होना चाहती थीं झूलन गोस्वामी!

झूलन गोस्वामी ने कोलकाता में किया बड़ा खुलासा

user-circle cricketcountry.com Written by Anoop Dev Singh
Last Published on - August 8, 2017 6:11 PM IST

झूलन गोस्वामी © Getty Images
झूलन गोस्वामी © Getty Images

भारत की महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने इस बात का खुलासा किया है कि एक समय पर वो आईसीसी महिला विश्व कप के दौरान टीम से हटना चाही थी। झूलन ने कहा कि अपने खराब प्रदर्शन से निराश होकर उन्होंने अपने कोच से उन्हें प्लेइंग इलेवन से हटाने की बात कही थी। कोलकाता में आयोजित एक समारोह में झूलन को बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) द्वारा विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टूर्नामेंट के फाइनल मैच में भारत के लिए झूलन ने 23 रन देकर तीन विकेट लिए थे। इस खिताबी मैच में भारतीय टीम को नौ रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झूलन को 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से नवाजा था। पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद झूलन ने कहा, “विश्व कप के शुरुआती दिनों में मैं अपने प्रदर्शन से नाखुश थी। मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रही थी और इससे काफी निराश थी।” झूलन ने कहा, “मैंने अपने कोच तुषार अरोथे से बात की और कहा कि मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रही हूं, तो इसलिए आप अगले मैच में मुझे अंतिम एकादश टीम से हटा लकते हैं। यह मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था।” बकौल झूलन, “मेरे कोच ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह मुझे मैदान पर टीम के साथ और गेंदबाजी क्षेत्र का नेतृत्व करते देखना चाहते हैं।” इसके बाद से ही झूलन की फॉर्म में सुधार आया और उन्होंने विकेट लेने शुरू किए। आस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। [ये भी पढ़ें: क्रिकेट प्लेयर और उनके आदर्श क्रिकेटर]

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झूलने ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विकेट लेना जरूरी था, क्योंकि वह विश्व की सबसे बेहतरीन टीम है। मेग लानिग बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हैं। कोलकाता और पिछले 10 साल से सीएबी से मिले समर्थन के बारे में झूलन ने कहा, “मैं जब 2005-06 से मुंबई में एयर इंडिया से बंगाल आई थी, तो क्रिकेट के लिए अपनी तैयारियों को लेकर मिलने वाले अवसरों के लिए आश्वस्त नहीं थी। मुंबई में मैं एयर इंडिया में लड़कों के साथ अभ्यास करती रहती थी।” झूलने ने कहा कि जब बीसीसीआई और भारतीय महिला क्रिकेट संघ (डब्ल्यूसीएआई) एक साथ आए थे, तो उनके दिमाग में यहीं सवाल था कि क्या उन्हें कोलकाता में अभ्यास का अवसर मिलेगा। हालांकि, उनकी यह चिंता दूर हुई और पिछले 10 साल में सीएबी से उन्हें अच्छा समर्थन मिला। उन्हें आशा है कि भविष्य में उन्हें और भी अवसर मिलेंगे।