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जितेश शर्मा ने कहा, 'आसान नहीं है. यह फिफ्टी ही तो है', बताया अपना नया रोल

पंजाब किंग्स के लिए इस खिलाड़ी की भूमिका अलग थी. लेकिन इस टीम में वह रूप में खेल रहे हैं. वह एक अहम खिलाड़ी हैं. उनका रोल हालांकि बदल गया है.

user-circle cricketcountry.com Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - April 16, 2025 4:11 PM IST

नई दिल्ली: फिनिशर यानी जब मैच फंसा हो तब अपने बल्ले के जौहर से उसे अंजाम तक पहुंचाना. अपनी टीम की जीत के लिए ऐसी पारी खेलना जिससे मैच का रुख पलट जाए. और ऐसा ही कुछ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए जितेश शर्मा खेलते हैं. टीम में उनकी यही भूमिका है. फिनिशर को आम तौर पर कम गेंदों पर ज्यादा प्रभाव छोड़ना होता है. और ऐसे में उसकी पारी की अहमियत बढ़ जाती है. जितेश शर्मा ने कहा है कि आरसीबी के लिए निचले क्रम में बैटिंग करने से उनकी पारी महत्त्वपूर्ण हो गए हैं. और अब वह 30-40 रन की पारी को भी हाफ सेंचुरी ही मानते हैं.

इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन में जितेश नंबर छह पर उतर रहे हैं. और यहां अकसर तेज पारी खेलने की जरूरत होती है. हाल ही में मुंबई इंडियंस के खिलाफ उन्होंने 19 गेंद पर 40 रन बनाए थे.

उन्होंने आरसीबी बोल्ड डायरीज के ताजा एपिसोड में कहा ,‘अब हर कोई फिनिशर ही है. लेकिन छठे सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं है क्योंकि जब से फिनिशर की भूमिका निभा रहा हूं, मैने अर्धशतक नहीं लगाया है. पहले मैं अर्धशतक और शतक लगाता था.’

उन्होंने कहा, ‘कोई भी उपलब्धि हासिल करने पर बल्ला उठाना अच्छा लगता था. लेकिन जब से फिनिशर बना हूं , अर्धशतक भी नहीं लगाया. 30 रन, 20 गेंद , 40 रन.’

उन्होंने कहा ,‘अब ये स्कोर ही पचास के जैसे हैं. अगर आप 30 गेंद में 60 या 70 रन बना रहे हैं तो यह शतक जैसा है. मैं खुश हूं अगर टीम जीत रही है तो.’

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जितेश ने कहा कि विकेटकीपर होने से उन्हें पिच और विरोधी बल्लेबाज को बेहतर समझने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, ‘आपका दिमाग थक जाता है. फायदा यह है कि आप वहां से खेल पर नियंत्रण कर सकते हैं. आपको पता चल जाता है कि आपकी टीम के गेंदबाज इस विकेट पर क्या कर सकते हैं। आप दूसरी टीम के बल्लेबाजों को भांप सकते हैं.’