krunal pandya file photoफाइनल खत्म हो चुका था। और ट्रॉफी गुजरात टाइटंस के पास थी। अपना पहला आईपीएल खेल रही फ्रैंचाइजी। नीलामी के बाद इस टीम पर कोई दांव लगाने को तैयार नहीं था। टीम को जरा हल्का आंका जा रहा था। लेकिन दो महीने और 74 मैचों बाद हार्दिक पंड्या उस ट्रॉफी को यूं सहेज रहे थे जैसे कोई माता-पिता अपने बच्चे को लाड़ कर रहा हो। यह उनकी मेहनत का नतीजा था कि एक नई-नवेली टीम चैंपियन बन गई थी।
हार्दिक को उनकी पत्नी नताशा ने गले लगाया। यह वाकई भावुक कर देने वाला पल था।
अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फाइनल में टीम को जीत दिलाने वाले हार्दिक ने कहा ,‘मैं प्यार पर ही जीता हूं जो मुझे अपने परिवार से भरपूर मिलता है।’ त्नी नताशा, बेटा अगस्त्य, भाई क्रुणाल और वैभव , भाभी पंखुड़ी उनकी ढाल की तरह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार मेरी ताकत रहा है। मेरा भाई क्रुणाल, भाभी पंखुड़ी, दूसरा भाई वैभव। इन सभी नहीं कठिन दौर में भी मुझे मानसिक शांति दी। मैने फोन किया तो भाई और भाभी दोनों रो पड़े। ये खुशी के आंसू थे। मुझे पता है कि जब तक ऐसे लोग मेरे पीछे हैं, मैं अच्छा खेल सकता हूं।’
हार्दिक ने कहा ,‘नताशा काफी भावुक है और मुझे अच्छा करते देख बहुत खुश हो जाती है। उसने मेरे करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं और उसे पता है कि मैने कितनी मेहनत की है।’