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भारत को हर साल में होगी 19 अरब की कमाई, इंग्लैंड का यह पूर्व कप्तान हो गया खफा
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने कहा है कि आईसीसी ने रेवेन्यू शेयर का जो प्रस्तावित मॉडल दिया है वह सही नहीं है. आथर्टन ने कहा कि वह इसकी शिकायत करेंगे.
Written by Press Trust of India
Last Updated on - May 16, 2023 12:46 PM IST

लंदन: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने अगले चार साल (2024-2027) के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के लाभ साझा करने के प्रस्तावित मॉडल की आलोचना की है जहां भारत को सालाना 60 करोड़ डॉलर के राजस्व का 38.50 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा.
यदि आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति द्वारा प्रस्तावित मॉडल को जून में वार्षिक सम्मेलन के दौरान पारित किया जाता है तो बीसीसीआई को सालाना 23 करोड़ 10 लाख डॉलर मिलेंगे. यह रकम भारतीय मुद्रा के हिसाब से ₹ 9 अरब से ज्यादा बनती है. जबकि इंग्लैंड 6.89 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे अधिक राजस्व हासिल करने वाला देश होगा. इंग्लैंड का हिस्सा चार करोड़ 13 लाख और 30 हजार डॉलर बनता है. ऑस्ट्रेलिया तीन करोड़ 75 लाख 30 हजार डॉलर के साथ इस सूची में तीसरे स्थान पर है. उसे 6.25 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी.
आईसीसी के सभी एसोसिएट देशों के बीच 11 प्रतिशत हिस्सा बांटा जाएगा.
आथर्टन ने हालांकि कहा कि अन्य सभी देशों के राजस्व में भी उछाल देखने को मिलेगा इसलिए वैश्विक सम्मेलन के दौरान शायद ही कोई इस पर सवाल उठाए.
आथर्टन ने अपने ‘टाइम्स लंदन’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘प्रस्तावित वितरण मॉडल पर जून में अगली आईसीसी बैठक में चर्चा की जाएगी लेकिन हर देश को अभी की तुलना में बड़ी राशि (धनराशि के लिहाज से) मिल रही है इसलिए प्रस्तावों को चुनौती देने की इच्छा कम हो सकती है.’
दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘जैसा कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अहसान मनि ने इस सप्ताह कहा था: पैसा वहां जा रहा है जहां इसकी सबसे कम जरूरत है.’
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राजस्व वितरण के लिए जिस प्राथमिक सूत्र का पालन किया गया है उसके अनुसार जिस देश के पास अधिकतम प्रायोजन, टीवी प्रसारण अधिकारों से राजस्व है उसे फायदा होगा. भारत इस मामले में सबसे आगे हैं क्योंकि स्टार (डिज्नी की एक शाखा) वैश्विक प्रतियोगिताओं के अधिकारों के लिए सर्वााधिक धनराशि लगाता है.