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इंग्लैंड में खेलने से मेरा प्रदर्शन बेहतर हुआ: पृथ्वी शॉ

शॉ ने इंडिया ए के इंग्लैंड दौरे पर खेली गई सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था।

Prithvi Shaw © Getty Images

हाल ही में इंडिया ए के साथ इंग्लैंड दौरा कर लौटे युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ इस सीरीज को अपने करियर की एक बड़ी चुनौती मानते हैं। उनका कहना है कि इंग्लैंड की जमीन पर खेलने से उन्हें अपने खेल को बेहतर बनाने का अच्छा मौका मिला।

बीसीसीआई टीवी को दिए एक इंटरव्यू में शॉ ने कहा, “मैने पहले कई मैच खेल चुका था लेकिन इस स्तर पर नहीं खेला था, जैसा खेल इंग्लैंड ए और वेस्टइंडीज ए के खिलाफ हुआ। उनकी टीम में काफी अनुभवी खिलाड़ी थे। मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मैं टीम में सबसे युवा था। मुझे सीनियर खिलाड़ियों का काफी सपोर्ट मिला। इसके पहले भी इंडिया ए खेला है लेकिन ये मेरे लिए अच्छा मौका था।”

कोच राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड में खेलने का मंत्र दिया

शॉ ने कोच राहुल द्रविड़ का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ” राहुल सर के पास वहीं खेलने का काफी अनुभव है, वो अपने करियर में 15-20 साल इंग्लैंड में खेले हैं। उन्होंने हमारे साथ काफी चीजें शेयर की। उन्होंने हमे मानसिक तौर पर तैयार किया। वो ज्यादा तकनीक नहीं समझाते बल्कि एक खिलाड़ी को मानसिक तौर पर मजबूत करते हैं। विपक्षी टीम के खिलाफ खिलाड़ियों को अच्छी चनौती देते हैं लेकिन उन पर ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं।”

भारत-इंग्लैंड सीरीज पर राय

शॉ का मानना है कि खेल में हार-जीत लगी रहती है, उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों का समर्थन किया। अंडर-19 टीम के कप्तान ने कहा, “भारत इंग्लैंड की दोनों टीमें अच्छा खेल रही हैं। हार जीत तो लगी रहती है। मैं मैच देखकर उनसे सीखने की कोशिश करता हूं और विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, शिखर धवन और मुरली विजय से उस स्थिति में स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के खिलाफ खेलने का तरीका सीखने की कोशिश करता हूं।”

आईपीएल शानदार अनुभव

इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलने वाले शॉ ने कहा, “आईपीएल एक अच्छा अनुभव था, मैं टीम में सबसे कम उम्र का था और मुझे सभी ने सपोर्ट किया। मेरे सामने 10-15 साल के अनुभव वाले गेंदबाजों के खिलाफ खेलने अच्छी चुनौती थी। रिकी पॉन्टिंग सर ने मुझे सपोर्ट किया।”

अंडर-19 विश्व कप फाइनल जिंदगी का खास पल

शॉ ने अंडर-19 विश्व कप जीतने को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “जब हम फाइनल खेल रहे थे तो हम काफी उत्साह के साथ खेल रहे थे। सबके चेहरे पर दिख रहा था कि ये विश्व कप हमारे लिए कितना अहम था। वो ऐसा पल था जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा। मैं कप्तान हूं इसलिए ये जीत केवल मेरी नहीं, इसमें सभी 15 खिलाड़ियों और पूरे सपोर्ट स्टाफ का योगदान है।”

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