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... तब बड़े भाई के खिलाफ जीतना नहीं चाहते थे सचिन तेंदुलकर

मास्‍टर ब्‍लास्‍टर ने ये खुलासा बांद्रा उपनगर में एमआईजी क्रिकेट क्लब में अपने नाम के पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर की

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Last Updated on - May 2, 2019 6:21 PM IST

मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर के कैरियर में उनके भाई अजीत का योगदान किसी से छिपा नहीं है। तेंदुलकर ने बताया कि जब दोनों भाई एक-दूसरे के आमने-सामने होते थे तो कोई जीतना नहीं चाहता था। तेंदुलकर बांद्रा उपनगर में एमआईजी क्रिकेट क्लब में अपने नाम के पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।

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बकौल तेंदुलकर, ‘मैंने कभी इसके बारे में नहीं बोला लेकिन पहली बार बोल रहा हूं। कई साल पहले, मुझे याद भी नहीं है कि मैं अंतरराष्ट्रीय या रणजी क्रिकेट खेलता था या नहीं लेकिन मैं अच्छा खेलता था। मुझे पता था कि मेरा ग्राफ ऊपर जा रहा है। उस समय एमआईजी में एक विकेट का टूर्नामेंट होता था। मैं एक टूर्नामेंट खेल रहा था जिसमें अजीत भी खेल रहा था। हम दोनों अलग-अलग पूल में थे।’

उन्होंने कहा, ‘सेमीफाइनल में हमारा सामना हुआ और वही एकमात्र मैच हमने एक-दूसरे के खिलाफ खेला। बंगाल क्रिकेट क्लब में भी हम एक मैच खेले लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ नहीं।’ तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं अजीत की भाव भंगिमा से समझ गया था कि वह जीतना नहीं चाहता और मैं भी। हम एक-दूसरे को हराना नहीं चाहते थे। मैंने बल्लेबाजी शुरू की और उन्‍होंने जान-बूझकर नोबॉल और वाइड बाल डालनी शुरू कर दी। मैं जान बूझकर रक्षात्मक खेल रहा था जो एक विकेट क्रिकेट में नहीं होता है।’

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उन्होंने कहा, ‘अजीत ने मेरी तरफ देखकर ढंग से बल्लेबाजी का इशारा किया। आपको अपने बड़े भाई की बात माननी पड़ती है। मैने वह मैच नहीं जीता बल्कि वह हार गया। हम दोनों समान नतीजा चाहते थे लेकिन मेरी टीम फाइनल में पहुंच गई।’