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सचिन तेंदुलकर का बड़ा खुलासा, बताया क्यों कप्तानी के लिए की धोनी के नाम की सिफारिश

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही साल 2011 में टीम इंडिया ने दूसरी बार 50 ओवर का वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। सचिन तेंदुलकर भी इस टीम का हिस्सा थे।

user-circle cricketcountry.com Written by Cricket Country Staff
Last Published on - December 22, 2022 12:34 PM IST

सचिन तेंदुलकर का भारतीय क्रिकेट टीम को पूरी दुनिया में ख्याति दिलाने में सबसे ज्यादा योगदान रहा। सचिन के नाम आज भी इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतक जड़ने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 24 साल तक क्रिकेट में न केवल बल्ले से योगदान दिया बल्कि पूरी टीम के खिलाड़ियों को प्रेरित करने का भी काम किया। वो सचिन ही थे जिन्होंने महेंद्र सिंह धोनी का नाम टीम के कप्तान के रुप में मैनेजमेंट को सुझाया था। सचिन और धोनी दोनों क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं लेकिन फैंस के जेहन में आज भी दोनों महान क्रिकटरों की उपलब्धियां जेहन में दर्ज है। इस बीच सचिन ने धोनी को कप्तानी दिए जाने के पीछे की बड़ी वजह का खुलासा किया है। सचिन ने बताया कि धोनी बहुत स्मार्ट थे और यही वजह रही कि उन्होंने कप्तानी के लिए विकेटकीपर-बल्लेबाज के नाम की सिफारिश की।

सचिन ने एक इवेंट में कहा, “जब मुझे कप्तानी की पेशकश की गई तब मैं इंग्लैंड में था। मैंने कहा कि हमारे पास टीम में एक बहुत अच्छा लीडर है जो अभी भी जूनियर था, और वह ऐसा व्यक्ति है जिसे आपको करीब से देखना चाहिए। मैंने उसके साथ बहुत सारी बातचीत की है, खासकर मैदान पर जहां मैं पहली स्लिप में फील्डिंग करता हूं और उससे पूछता हूं, आप क्या सोचते हैं? हालांकि राहुल कप्तान थे, मैं उनसे (धोनी) से पूछूंगा और मुझे जो फीडबैक मिला वह बहुत संतुलित और शांत था।”

2008 में जब धोनी को टेस्ट कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया तब भारतीय टीम में तेंदुलकर, द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, सहवाग, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे सीनियर खिलाड़ी शामिल थे। तेंदुलकर ने आगे कहा, “अच्छी कप्तानी विपक्षी टीम से एक कदम आगे रहते हुए सोचने के बारे में है। यदि कोई ऐसा करने के लिए पर्याप्त स्मार्ट है, जैसा कि हम कहते हैं, जोश से नहीं, होश से खेलो (समझदारी से खेलें)। यह तुरंत नहीं होता, आपको 10 गेंदों में 10 विकेट नहीं मिलेंगे। आपको इसकी योजना बनानी होगी। दिन के अंत में स्कोरबोर्ड मायने रखता है। और मैंने धोनी में ये गुण देखे। इसलिए मैंने उनके नाम की सिफारिश की।”

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गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही साल 2011 में टीम इंडिया ने दूसरी बार 50 ओवर का वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। ये सचिन तेंदुलकर का आखिरी वर्ल्ड कप था जिसमें वह वर्ल्ड चैंपियन बनने का कारनामा करने में सफल रहे।