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वर्ल्ड कप जीतने के बाद मैदान का चक्कर लगाने से बड़ा कोई और पल नहीं हो सकता: तेंदुलकर
टीम के साथियों ने सचिन को कंधों पर उठा लिया था और पूरे स्टेडियम में सचिन, सचिन के नारे गूंज रहे थे
Written by India.com Staff
Last Published on - April 24, 2020 6:42 PM IST

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के लिए आज का दिन बेहद खास है. तेंदुलकर का आज 47वां जन्मदिन है. इस दिग्गज क्रिकेटर के बर्थडे के मौके पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने अपने ऑफिशियल इंस्टग्राम हैंडल पर 2011 विश्व कप जीतने पर सचिन के विचार साझा किए हैं.
विश्व कप जीतना सचिन के बचपन के सपने के सच होने की कहानी थी. महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत ने 28 साल बाद विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया था, तब सचिन ड्रेसिंग रूम से दौड़ते हुए उस वानखेड़े स्टेडियम के बीच में आ गए थे, जहां वह बचपन से खेले थे. टीम के साथियों ने सचिन को कंधों पर उठा लिया था और पूरे स्टेडियम में सचिन, सचिन के नारे गूंज रहे थे.
सचिन ने अपने छठे विश्व कप की याद को ताजा करते हुए कहा, ‘मैंने टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे और मेरा योगदान काम आया. अंत में मायने यह बात रखती थी कि विश्व कप ट्रॉफी हमारे ड्रेसिंग रूम में हो.’
47 वर्षीय तेंदुलकर ने कहा, ‘यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर पलों में से एक था. इसे बड़ा कोई पल नहीं हो सकता. विजेता के तौर पर मैदान का चक्कर लगाना वो शानदार अहसास था. मेरे जीवन में क्रिकेट का सबसे यादगार पल.’
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क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने कहा, ‘हां पहली बार जब मैंने भारतीय टीम की कैप पहनी थी तब मैं काफी उत्साहित था. लेकिन 2011 का कोई सानी नहीं है. पूरा देश जश्न मना रहा था. आप बहुत कम ही देखते हैं कि पूरा देश जश्न मना रहा हो.’
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तेंदुलकर ने कुल 200 टेस्ट मैच खेले जिसमें उनके नाम 51 शतक दर्ज हैं जबकि वनडे में 49 शतक इस क्रिकेट के भगवान के बल्ले से निकले हैं.