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नई बोतल में पुरानी शराब... बीसीसीआई के नए फरमान पर हरभजन ने पूछे सवाल
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, आखिरी बार जब मैंने केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था तब भी इसी तरह के नियम थे, आखिर इसमें कब और किसने बदलाव किया.
Written by Akhilesh Tripathi
Last Updated on - January 17, 2025 8:32 PM IST

Harbhajan Singh on BCCI 10-point policy: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की शर्मनाक हार के बाद बीसीसीआई ने टीम में ‘अनुशासन और एकजुटता’ को बढ़ावा देने के लिए 10-सूत्री फरमान जारी किया है जिसमें घरेलू क्रिकेट को अनिवार्य बनाने के अलावा दौरों पर परिवारों और निजी कर्मचारियों की उपस्थिति पर पांबदी लगाई गई है, इसमें सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन करने से रोक भी शामिल है. बीसीसीआई के इस 10- सूत्री फरमान पर पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने सवाल पूछे हैं. हरभजन सिंह ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए बोर्ड की हाल ही में जारी 10 सूत्रीय नीति वास्तव में उनके खेलने के दिनों से ही लागू है और वह जानना चाहते थे कि इसमें कब और किसने बदलाव किया.
हरभजन ने कहा कि ये दिशानिर्देश हाल में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को मिली शर्मनाक हार से ध्यान भटकाने का कदम हो सकते हैं. हरभजन का मानना है कि ये सभी उपाय नयी बोतल में पुरानी शराब की तरह है.
पहले भी ऐसे ही नियम थे, किसने इसे बदला: हरभजन
हरभजन ने ‘पीटीआई’ को दिये साक्षात्कार में कहा, मैं मीडिया में रिपोर्ट की गयी यात्रा नीति के बारे में पढ़ रहा था तो मुझे अपने खेल के दिनों से कुछ भी अलग नहीं मिला, आखिरी बार जब मैंने केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था तब भी इसी तरह के नियम थे. उन्होंने कहा, नयी 10 सूत्री नीति में कम से कम नौ चीजें तो हमारे समय थी ही। इसमें दौरे के समय परिवार की मौजूदगी, एक ही होटल में ठहरना, अभ्यास का समय, यह सब शामिल है, मेरा सवाल यह है कि जब यह सारे नियम हमारे समय में भी थे तो इसे किसने और कब बदला? इसकी जांच होनी चाहिये.
हम हारें क्योंकि हमने खराब क्रिकेट खेला, मुद्दे से भटकाने की कोशिश: हरभजन
हरभजन कहा कि इन समय इन चीजों की जगह चर्चा केवल क्रिकेट पर ही होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, हम लोग मुद्दे से भटक रहे हैं, हम (ऑस्ट्रेलिया में ) 1-3 से इसलिए नहीं हारे क्योंकि पत्नियां और दोस्त दो महीने से वहां थे, हम इसलिए नहीं हारे क्योंकि कोई खिलाड़ी टीम से अलग यात्रा कर रहा था. उन्होंने कहा, हम हारें क्योंकि हमने खराब क्रिकेट खेला, हम घरेलू मैदान पर भी अच्छी बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे, हमारी टीम में ऐसे खिलाडी शामिल थे जो बेहद ही खराब फॉर्म में थे, इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ सुधार किये जा रहे हैं? या फिर मैदान के बाहर की इन्हीं बातों पर चर्चा हो रही है.
भारत के बेहतरीन स्पिनरों में से एक हरभजन ने इसके बाद अपने खेल के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कुछ बिंदुओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है क्योंकि उनका उल्लंघन किया जा रहा था, मैंने कभी भी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ या अनिल कुंबले को सिर्फ इसलिए मुंबई, कोलकाता या बेंगलुरु के लिए रवाना होते नहीं देखा क्योंकि कोई मैच तीन दिन में खत्म हो गया है और अगला मुकाबला एक सप्ताह बाद है.
अगर कोई नियम तोड़ रहा है, तो उस व्यक्ति की जांच की जानी चाहिए: हरभजन
उन्होंने कहा, वे सभी टीम के साथ रहते थे और एक साथ अगले मैच स्थल जाते थे, आपको खिलाड़ियों को यह बताने की ज़रूरत क्यों है कि आपको टीम बस से यात्रा करनी होगी? यह एक नियम है, अगर कोई नियम तोड़ रहा है, तो उस व्यक्ति की जांच की जानी चाहिए.
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हरभजन ने किसी विशेष खिलाड़ी या कोच के निजी दल पर रोक लगाने का समर्थन करते हुए कहा कि बीसीसीआई कुछ अच्छे बावर्ची को टीम के साथ यात्रा करने के लिए रख सकती है. उन्होंने कहा, बीसीसीआई के पास पैसे की कमी नहीं है, आपको व्यक्तिगत बावर्ची ले जाने की आवश्यकता क्यों है, फुटबॉल विश्व कप में बड़ी टीमें अपने स्वयं के बावर्ची रखती हैं जो खिलाड़ियों की आहार आवश्यकताओं का ख्याल रखते हैं, यह कोई बड़ी बात नहीं है.