Akhilesh Tripathi
पत्रकारिता में करियर की शुरुआत आर्यन टीवी (पटना) से हुई, फिर ईनाडु डिजीटल (ईटीवी हैदराबाद) में लगभग एक साल का ...Read More
Written by Akhilesh Tripathi
Last Updated on - December 30, 2024 9:53 PM IST
Sunil Gavaskar Slams Senior Players: मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की रेस से लगभग बाहर हो गई है. टीम इंडिया की हार के बाद भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनीवव गावस्कर का गुस्सा फूट पड़ा. सुनील गावस्कर ने टीम को निराश करने के लिए सीनियर खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली की आलोचना की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में हार के लिए भारतीय शीर्ष क्रम को जिम्मेदार ठहराया.
चौथे टेस्ट के अंतिम दिन भारत के सामने 340 रन का लक्ष्य था लेकिन यशस्वी जायसवाल (84) को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज योगदान नहीं दे पाया, भारत को इस मैच में 184 रन से हार का सामना करना पड़ा. भारत इस तरह से पांच मैचों की सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया.
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से कहा, यह सब चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है, जो योगदान अपेक्षित था वह नहीं आया है, यह शीर्ष क्रम है जिसे योगदान देना है, यदि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज योगदान नहीं दे रहे हैं तो फिर तो निचले क्रम को दोष क्यों दें. उन्होंने कहा, सीनियर खिलाड़ियों ने वास्तव में वह योगदान नहीं दिया जो उन्हें देना चाहिए था, उन्हें बस आज अच्छी बल्लेबाजी करनी थी, यह सिर्फ इतना है कि शीर्ष क्रम ने योगदान नहीं दिया और यही कारण है कि भारत इस स्थिति में पहुंचा.
गावस्कर ने जहां जायसवाल की जोरदार पारी की सराहना की, वहीं वह एक बार फिर ऋषभ पंत के शॉट चयन से निराश नजर आए. भारत का स्कोर एक समय तीन विकेट पर 33 रन था तब जायसवाल और पंत ने स्थिति संभाली और लंच के बाद के सत्र में भारत को 121 रन तक पहुंचाया। इसके बाद पंत ने हवा में शॉट खेल कर अपना विकेट गंवाया जिससे भारतीय टीम लड़खड़ा गई. गावस्कर ने कहा, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने लंच के बाद के सत्र में जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे निश्चित तौर पर लग रहा था कि भारत इस मैच को ड्रॉ कर सकता है क्योंकि यह बिना विकेट खोए एक और घंटे तक बल्लेबाजी करने की बात थी.
उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि क्रिकेट में इस शॉट को सिक्सर कहा जाता है जो किसी ड्रग की लत की तरह है, एक बार जब आप कुछ छक्के मार देते हैं, तो आप सोचते हैं कि वास्तव में यह सही तरीका है, जब आप गेंद को स्टैंड में पहुंचाते हैं तो एक बल्लेबाज के लिए इससे बेहतर कोई एहसास नहीं है. उन्होंने कहा, सिक्सर एक अलग तरह का एहसास है और यह एक ड्रग है जो आपके सिस्टम में चला जाता है. गावस्कर ने कहा, उस समय छक्का लगाने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे हम मैच नहीं जीतने वाले थे, अगर उस समय जमीन से चिपकता शॉट खेला जाता तो हमें चार रन मिलते, इससे ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत के दरवाजे खुल गए.
गावस्कर ने तकनीक की अनदेखी करने और पैट कमिंस की गेंद पर जायसवाल को विवादास्पद तरीके से कैच आउट देने के लिए टीवी अंपायर की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, इस तरह के मामले में दोहरे मानदंड नहीं अपनाने चाहिए, क्योंकि पर्थ में आपने केएल राहुल को आउट दिया था, जहां आपने दृश्य साक्ष्य के आधार पर नहीं, बल्कि तकनीकी के आधार पर फैसला दिया था, आप एक दिन तकनीकी और अगले दिन दृश्य साक्ष्य के आधार पर फैसला नहीं दे सकते. यदि आप मुझसे पूछें तो दृश्य साक्ष्य इतना स्पष्ट नहीं था कि आप फैसला पलट सकें.
सुनील गावस्कर ने कोहली को भी सलाह दी, जो ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा, उनका पैर गेंद की पिच की सीध पर नहीं जा रहा है, यदि आपका पांव गेंद की सीध की तरफ जाता है तो आप बल्ले के बीच से शॉट लगा सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और इसलिए गेंद बल्ले का किनारा ले रही है.
इनपुट- भाषा
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