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खेल भावना बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों को मैदान पर भेजा: SLC
वेस्टइंडीज-श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दौरान मेहमान टीम पर गेंद की स्थिति बदलने का आरोप है।
Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - June 17, 2018 10:33 AM IST

वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दौरान चर्चा में आए बॉल टैंपरिंग विवाद पर श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल मैच के तीसरे दिन अंपायरों ने गेंद को बदलने की मांग की थी क्योंकि वो गेंद की स्थिति से संतुष्ट नहीं थे। अंपायर अलीम डार और इयान गाउल्ड के इस फैसला का विरोध करते हुए श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने मैदान पर आने से इंकार कर दिया। करीबन दो घंटे तक चले इस ड्रामे के बाद आखिरकार खिलाड़ी मैदान पर आए और दिन का खेल शुरू किया गया। श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि उन्होंने खेल भावना बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों को मैदान पर भेज दिया लेकिन वो अंपायरों के लगाए किसी भी आरोप से सहमत नहीं है।
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बोर्ड ने सैंट लूसिया में खेले जा रहे इस मैच के दूसरे दिन गेंद की स्थिति बदलने की कोशिश करने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है। बोर्ड के आधिकारिक बयान के मुताबिक, “एसएलसी ने खिलाड़ियों को मैदान पर जाने की सलाह दी ताकि मैच शुरू किया जा सके और खेल भावना बनाए रखने के लिए मैदान पर रहते हुए विरोध करने के टीम के फैसले को भी माना।” श्रीलंकाई खिलाड़ियों के मैदान पर उतरते ही अंपायरों ने वेस्टइंडीज टीम के खाते में 5 पेनल्टी रन भी जोड़ दिए। आईसीसी ने ट्विटर के जरिए बयान दिया है कि अगर उन्हें इसमें कोड ऑफ कंडक्ट से जुड़ा कोई आरोप दिखता है तो नियम के हिसाब से खेल खत्म होने के बाद उस पर कारवाई होगी।
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हालांकि बोर्ड अपने खिलाड़ियों को पूरा समर्थन कर रहा है। बयान के मुताबिक, “टीम मैनेजमेंट ने हमे बताया है कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने किसी तरह का गलत काम नहीं किया है। अगर टीम के किसी सदस्य के खिलाफ कोई गलत आरोप लगाया जाता है तो एसएलसी अपने खिलाड़ियों का बचाव करने के लिए हरसंभव कोशिश करेगी।” बता दें कि साल 2017 में भी श्रीलंका टीम इसी तरह के विवाद में फंसी थी, जब दसुन शानका पर नागपुर टेस्ट में गेंद की स्थिति बदलने की कोशिश करने का आरोप लगा था। आईसीसी ने शानका पर 75 प्रतिशत जुर्माना लगाया था और उन्हें तीन डीमेरिट प्वाइंट दिए थे, बोर्ड ने इस सजा को स्वीकार किया था।