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हितों के टकराव मुद्देे पर गांगुली ने दिया रिकी पोंटिंग का उदाहरण

तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण के साथ गांगुली को भी बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े होने के कारण हितों के टकराव का नोटिस दिया गया था

user-circle cricketcountry.com Written by Press Trust of India
Published: Aug 24, 2019, 12:29 AM (IST)
Edited: Aug 24, 2019, 12:31 AM (IST)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रिकी पोंटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हितों के टकराव का नियम व्यावहारिक होना चाहिए।

गांगुली ने कहा कि पोंटिंग ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ आईपीएल से भी जुड़े हुए हैं। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के साथ गांगुली को भी बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े होने के कारण हितों के टकराव का नोटिस दिया गया था।

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इससे पहले इस पूर्व कप्तान ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी सेवानिवृत न्यायधीश डीके जैन द्वारा हितों के टकराव का नोटिस जारी करने पर नाखुशी जताई।

गांगुली से जब पूछा गया कि क्या खेल के दिग्गजों के लिए नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए लेकिन नियम व्यावहारिक होने चाहिए।’

गांगुली ने कहा, ‘राहुल द्रविड़ को एनसीए का अध्यक्ष बनाया गया है और इंडिया सीमेंट्स के साथ उनकी नियुक्ति को लेकर टकराव की स्थिति बन गई। आपको ऐसे मामलों में व्यावहारिक होना होगा। आपको पहले से पता नहीं होता है कि आप एनसीए प्रमुख बनेंगे या नहीं। तीन साल के बाद एनसीए प्रमुख नहीं रहेंगे लेकिन यह नौकरी (इंडिया सिमेंट) आपके साथ होगी।’

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गांगुली ने कहा कि उनका मानना है कि कोचिंग और कमेंट्री हितों के टकराव के तहत नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘इसका व्यावहारिक हल निकालना होगा। जब आप कमेंट्री या कोचिंग करते हैं तब मुझे नहीं लगता कि यह हितों के टकराव का मुद्दा है। जब आप पूरी दुनिया को देखेंगे तो रिकी पोंटिंग को देखिए। वह ऑस्ट्रेलिया के कोच हैं, एशेज में कमेंट्री कर रहे हैं और अगले साल अप्रैल में दिल्ली कैपिटल्स के साथ होंगे।’

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पूर्व कप्तान ने कहा, ‘मैं इसे हितों का टकराव नहीं मानता हूं, क्योंकि यह सभी कौशल वाले काम हैं। कमेंट्री, कोचिंग या किसी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ने का फैसला आपका नहीं होता है। आपको आपके कौशल के कारण चुना जाता है।’