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टेस्ट फॉर्मेट को बचाने के लिए पिंक बॉल क्रिकेट जरूरी है: सौरव गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान ने डे-नाइट टेस्ट मैच को जरूरी बताया।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Published on - December 15, 2017 10:57 AM IST

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि भारत में टेस्ट क्रिकेट का चलन लगातार कम होता जा रहा है। क्रिकेट के सबसे लंबे और सबसे पुराने फॉर्मेट को बचाने के लिए डे-नाइट टेस्ट को शुरू किया गया था। पिछले दो साल में एडिलेड, दुबई, ब्रिसबेन और बर्मिंघम में कुल 7 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं। हालांकि भारत अब भी गुलाबी गेंद के क्रिकेट से दूर है। वैसे दिलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया गया था लेकिन राष्ट्रीय टीम ने अब भी डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेला है। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने हाल में बयान दिया है कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए गुलाबी गेंद के क्रिकेट को बढ़ावा देना जरूरी है।

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पीटीआई को दिए बयान में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष गांगुली ने कहा, “ये बेहद जरूरी है, एक ना एक दिन इसे होना ही है। ये बिल्कुल आसान है, लाल गेंद की जगह गुलाबी गेंद से मैच होगा और लोग सुबह की बजाय शाम को मैच देखने आएंगे।” गांगुली का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट को बचाने का यही तरीका है। आईपीएल के जमाने में अगर टेस्ट क्रिकेट को फिर से रोमांचक बनाना है तो गुलाबी गेंद को अपनाना ही होगा।

बता दें कि वह सौरव गांगुली ही थे, जिन्होंने भारत में सबसे पहला डे-नाइट टेस्ट मैच आयोजित करवाया था। ईडन गार्डन के मैदान पर एक लोकल क्रिकेट मैच गुलाबी गेंद से खेला गया था। गांगुली ने इस मैच को टेलीविजन पर भी दिखाया था।