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'चोकर्स' का ठप्पा नहीं मिटा पाई साउथ अफ्रीका की टीम, 30 साल से लगा है दाग

साउथ अफ्रीका को 30 साल से विश्व कप खिताब का इंतजार है, कभी खुद की गलती और कभी किस्मत की वजह से विश्व कप से बाहर हो जाती है.

user-circle cricketcountry.com Written by Akhilesh Tripathi
Last Updated on - November 6, 2022 12:18 PM IST

साउथ अफ्रीका का विश्व कप जीतने का सपना एक बार फिर पूरा नहीं हो सका. सुपर-12 के मुकाबले में नीदरलैंड से मिली हार के बाद साउथ अफ्रीका टी-20 विश्व कप 2022 से बाहर हो गई. यह पहला मौका नहीं है, जब साउथ अफ्रीका टीम विश्व कप खिताब की दौड़ से बाहर हुई है, पिछले 30 साल से साउथ अफ्रीका को खिताब का इंतजार है, मगर कभी किस्मत और कभी खुद की गलती से टीम विश्व कप खिताब की रेस से बाहर हो जाती है. साउथ अफ्रीका टीम पर पिछले 30 साल से चोकर्स का ठप्पा लगा है, इस बार टीम ने जिस तरह से टी-20 विश्व कप में शुरूआत की थी, उसे देखकर लग रहा था कि टीम का खिताब जीतने का सपना पूरा हो जाएगा, मगर टीम एक बार फिर चोकर्स साबित हुई.

1992 विश्व कप:

साउथ अफ्रीका पहली बार 1992 में विश्व कप खेल रही थी. सभी को हैरान करते हुए टीम ने विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई, मगर यहां किस्मत ने टीम का साथ नहीं दिया. इंग्लैंड के 252 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका लक्ष्य के करीब पहुंच गई थी, तभी बारिश ने खेल रोक दिया. बारिश की वजह से जब खेल को रोका गया तो साउथ अफ्रीका को 13 गेंद में 22 रन बनाने थे, मगर जब बारिश बंद हुई तो साउथ अफ्रीका को मोस्ट प्रोडक्टिव ओवर नियम के मुताबिक दक्षिण अफ्रीकी टीम को 1 गेंद पर 22 रन का असंभव लक्ष्य दे दिया गया. इस कारण दक्षिण अफ्रीका की टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई, यहां किस्मत दक्षिण अफ्रीका के साथ नहीं था.

1999 विश्व कप: 

इसके बाद 1999 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भी दक्षिण अफ्रीका की किस्मत साथ नहीं थी. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के सामने 214 रन का लक्ष्य रखा था, लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका ने 198 रन के स्कोर पर नौ विकेट गंवा दिए थे, मगर लांस क्लूजनर ने आक्रामक बल्लेबाजी स्कोर को बराबरी पर ला दिया, जीत के लिए एक रन बनाने थे, मगर एलेन डोनाल्ड रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया. नेट रन रेट के आधार पर साउथ अफ्रीका बाहर हो गई.

2003 विश्व कप:

साउथ अफ्रीका को अपने घर में भी निराशा हाथ लगी श्रीलंका के 268 रन का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने 45 ओवर में छह विकेट पर 229 रन बना लिए थे, तभी बारिश आ गई. बारिश की वजह से आगे का खेल नहीं खेल सका. डकबर्थ लुईस नियम से दोनों टीमों का स्कोर बराबरी पर रहा और टीम पहले राउंड से ही बाहर हो गई. इस मैच में मार्क वाउचर का बारिश शुरू होने से पहले आखिरी बॉल पर रन नहीं बनाना टीम के लिए भारी पड़ गया.

2007 टी-20 विश्व कप:

टी-20 विश्व कप के पहले सीजन में साउथ अफ्रीका ने विस्फोटक आगाज किया था, चार मैच जीतकर वह शानदार लय में दिख रही थी, मगर डरबन में टीम इंडिया ने उसका विजय रथ रोका, साथ ही उसे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा. यह मैच अगर साउथ अफ्रीका जीतती तो सीधे सेमीफाइनल में जाती.

2009 टी-20 विश्व कप:

2009 टी-20 विश्व कप में साउथ अफ्रीका ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. मगर सेमीफाइनल में टीम ने फिर निराश किया. पाकिस्तान ने साउथ अफ्रीका के सामने जीत के लिए 150 रन का लक्ष्य रखा था, साउथ अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 142 रन ही बना सकी. सात रन की हार के साथ ही टीम का खिताब जीतने का सपना टूट गया.

2011 विश्व कप: 

2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका के सामने जीत के लिए 222 रन का लक्ष्य रखा था, साउथ अफ्रीकी टीम 172 रन पर ढेर हो गई और साउथ अफ्रीका टूर्नामेंट से बाहर हो गया.

2014 टी-20 विश्व:

बांग्लादेश में खेले गए इस विश्व कप में साउथ अफ्रीका ने एक बार फिर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. सेमीफाइनल में टीम इंडिया के सामने उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में चार विकेट पर 172 रन बनाए. विराट कोहली की पारी से भारत ने लक्ष्य को चार विकेट खोकर हासिल कर लिया और साउथ अफ्रीका को फिर निराशा ही हाथ लगी.

2015 विश्व कप:

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साउथ अफ्रीका को इस विश्व कप में बारिश ने डूबो दिया. साउथ अफ्रीका ने बारिश से प्रभावित मैच में 43 ओवर में पांच विकेट पर 281 रन बनाए थे, न्यूजीलैंड को जीत के लिए 43 ओवर में 298 रन का लक्ष्य मिला. डेल स्टेन के आखिरी ओवर में इलियट ने छक्का लगाकर न्यूजीलैंड को जीत दिला दी और साउथ अफ्रीका फिर बाहर हो गया.