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IPL 2025: सीएसके के सबक से लेकर म्हात्रे और सूर्यवंशी तक, लीग फेज तक इनसब ने खींचा फैंस का ध्यान

आईपीएल 2025 के लीग फेज के खत्म होने तक फैंस को कई टॉप मोमेंट्स देखने को मिले हैं.

user-circle cricketcountry.com Written by Saurav Kumar
Last Updated on - May 28, 2025 7:04 PM IST

Top Moments of IPL League Phase: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी ऋषभ पंत ने आखिरकार लखनऊ सुपर जायंट्स के अंतिम लीग में शतक जड़कर कमाल कर दिया लेकिन टीम जीत से चूक गई जबकि अक्षर पटेल की दिल्ली कैपिटल्स अच्छी शुरूआत के बाद राह से भटक गई. पूर्व विजेता चेन्नई सुपर किंग्स, राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा और सनराइजर्स हैदराबाद ने पूरे टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन किया.

इस साल आईपीएल के 70 मैच के शुरुआती दौर को खत्म होने में 10 दिन के ब्रेक सहित कुल 67 दिन लगे और अभी तक टूर्नामेंट के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले.

युवा खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया

राजस्थान रॉयल्स के वैभव सूर्यवंशी जब पिछले दिसंबर में ‘मेगा नीलामी’ में चुने गए थे तो उनकी उम्र 13 साल थी और मई में 14 साल की उम्र में वह गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 35 गेंद पर आईपीएल में सबसे तेज शतक और अब तक दूसरा सबसे तेज शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बन गए. उन्होंने अपने शानदार स्ट्रोक प्ले और जोश से खेल के दिग्गजों को मंत्रमुग्ध कर दिया था.

भारत के टी20 अंतरराष्ट्रीय सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा भी शतक लगाने वालों खिलाड़ियों में शामिल थे. इस सूची में पंजाब किंग्स के ‘अनकैप्ड’ (जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो) प्रियांश आर्य भी शामिल थे जिन्होंने अपना पहला आईपीएल शतक जड़ा. प्रभसिमरन सिंह ने भी दिखाया कि उनमें दम है जबकि आयुष म्हात्रे ने अपने प्रदर्शन से चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को मुस्कुराने का मौका दिया.

सनराइजर्स हैदराबाद की खराब फॉर्म

पिछले साल की उपविजेता एसआरएच सबसे खतरनाक बल्लेबाजी लाइन-अप के साथ उतरी थी लेकिन उसका आक्रामक रवैया पूरी तरह विफल रहा. एसआरएच ने आईपीएल की शुरुआत राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ छह विकेट पर 286 रन से दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाकर की और समापन कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ तीन विकेट पर 278 रन से तीसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाकर किया.

टीम के पास बल्लेबाजी के लिए कोई ‘प्लान बी’ नहीं था जिसमें नितीश कुमार रेड्डी ने काफी हद तक निराश किया और पावरप्ले में गेंदबाजी करने के लिए एक बेहतरीन स्पिनर नहीं होने से उन्हें नुकसान हुआ.

सीएसके ने सीखा सबक

सीएसके ने इस साल सबक सीखा क्योंकि उसे युवा प्रतिभाओं को बेंच पर रखने और सिर्फ एमएस धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर निर्भर रहने की अपनी रणनीति को छोड़ना पड़ा. 17 वर्षीय मुंबई के बल्लेबाज म्हात्रे ने टीम की परेशानियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया जबकि दक्षिण अफ्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस ने अंत में शानदार प्रदर्शन किया. अफगानिस्तान के 20 वर्षीय नूर अहमद सीएसके के सबसे सफल स्पिनर रहे जबकि आर अश्विन और रविंद्र जडेजा अन्य विकल्प थे.

साई सुदर्शन ने दमदार बल्लेबाजी की

युवा सुदर्शन ने दिखाया कि जोखिम लिए बिना भी रन जुटाए जा सकते हैं. वह अभी तक 670 से ज्यादा रन बनाकर सूची में शीर्ष पर है और इसका ईनाम उन्हें इंग्लैंड के टेस्ट दौरे के लिए राष्ट्रीय टीम में शामिल करने से मिला. गुजरात टाइटन्स का यह बल्लेबाज इस सत्र के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल रहा.

मुंबई इंडियंस ने हमेशा की तरह ही प्रदर्शन किया

मुंबई इंडियंस ने हमेशा ही तरह धीमी शुरूआत करने के बाद प्लेऑफ में जगह बनाई. पहले पांच मैच में चार हार के साथ शुरूआत करने के बाद हार्दिक पंड्या की टीम अगले छह मैच जीतकर शीर्ष टीमों में पहुंच गई. रोहित शर्मा और तिलक वर्मा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन सूर्यकुमार यादव ने दिखाया कि वह इसमें सर्वश्रेष्ठ क्यों है. जसप्रीत बुमराह ने 10 मैच में 17 विकेट चटकाए हैं.

राजस्थान रॉयल्स के लिए खराब सत्र

संजू सैमसन की फिटनेस और अन्य खिलाड़ियों में जज्बे की कमी के कारण टीम निचले स्थान पर रही सीएसके से ऊपर रही. जोस बटलर, अश्विन, युजवेंद्र चहल और ट्रेंट बोल्ट जैसे खिलाड़ियों से अलग होने से उसका संतुलना शायद कुछ ज्यादा ही बिगड़ गया.

दिल्ली कैपिटल्स शानदार शुरूआत के बाद पटरी से उतरी

आईपीएल की शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि टीम कोई गलती नहीं करेगी लेकिन लगातार निरंतर प्रदर्शन के मामले में टीम पिछड़ गई.

पहले छह में से पांच जीत के साथ शुरुआत करने के बाद टीम तालिका में शीर्ष पर थी लेकिन अचानक गिरावट से अगले आठ में से पांच मैच गंवा बैठी.

केकेआर का प्रदर्शन खराब रहा, लेकिन रहाणे डटे रहे

कप्तान अजिंक्य रहाणे अकेले दम पर डटे रहे, लेकिन फ्रेंचाइजी के सबसे महंगे खिलाड़ी और उप-कप्तान वेंकटेश अय्यर के लिए सत्र काफी खराब रहा. पहले आठ मैच में पांच हार के साथ गत चैंपियन के लिए प्लेऑफ की दौड़ काफी पहले ही खत्म हो गई थी.

मार्श और पूरन ने दबदबा कायम रखा

पहले आठ मैच में पांच जीत ने लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) को अंतिम चार में जगह बनाने का मौका दिया, लेकिन पंत का बल्ले से खराब प्रदर्शन, मध्य क्रम में गहराई की कमी और गेंदबाजी में विविधता की कमी के कारण वे फिर से प्लेऑफ से चूक गए. लेकिन मिचेल मार्श, निकोलस पूरन और एडेन मारक्रम ने उन्हें मजबूती दी.

पंजाब किंग्स का उदय

पिछले एक साल में कप्तान श्रेयस अय्यर के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वह हमेशा संघर्ष करने वाली टीम के बदलाव के सूत्रधार रहे. दृढ़ अय्यर और ऑस्ट्रेलियाई रिकी पोंटिंग जैसे कोच के साथ इस बात में कोई संदेह नहीं था कि पीबीकेएस को हराना काफी मुश्किल होगा और केकेआर के खिलाफ सबसे कम स्कोर (111 रन) का बचाव करने जैसा प्रदर्शन इसका एक उदाहरण है.

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गिल की गुजरात टाइटन्स ने उड़ान भरी

तीन साल पहले गुजरात टाइटन्स में शामिल होने के बाद से उन्होंने प्रत्येक सत्र में कम से कम 400 रन तो बनाए ही हैं लेकिन गिल ने सिर्फ उदाहरण ही पेश नहीं किया बल्कि यह सुनिश्चित किया कि उनकी टीम राशिद खान जैसे मुख्य गेंदबाज की खराब फॉर्म के बावजूद दौड़ में आगे रहे.