Bharat Malhotra
Bharat Malhotra अभी cricketcountry.com/hi की टीम की अगुआई कर रहे हैं. भारत के पास डिजिटल मीडिया का 16 साल का अनुभव है. करियर की विधिवत श ...Read More
Written by Bharat Malhotra
Last Updated on - May 25, 2022 2:01 PM IST
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने कहा है कि फाफ डुप्लेसिस (Faf Du Plessis) के कप्तान बनने और संजय बांगड़ (Sanjay Bangar) के बतौर मुख्य कोच आने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) की टीम काफी बदल गई है। बैंगलोर की टीम लगातार तीसरे साल आईपीएल प्लेऑफ में पहुंची है लेकिन इस साल टीम ने एक बदलाव किया है। ज्यादातर मैचों में प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। और पहले ऐसा नहीं हुआ करता था।
डु प्लेसिस को पहली बार बैंगलोर की कप्तानी मिली है और उन्होंने अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया है। अपनी कप्तानी के पहले ही सीजन में उन्होंने टीम को प्लेऑफ (IPL Playoffs) में पहुंचाया है। बैंगलोर ने लीग चरण में 14 में से 8 मैच जीते। उसकी रनरेट नेगेटिव में थी। लेकिन मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) से दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की हार ने उसे अंतिम चार में पहुंचा दिया।
सहवाग की राय है कि टीम में खिलाड़ियों के बदलाव को लेकर बैंगलोर ने इस साल अपनी सोच में बदलाव किया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर का मानना है कि संजय बांगड़ (Sanjay Bangar) और फाफ डुप्लेसिस (Faf Du Plessis) की एंट्री के बाद ही यह संभव हो पाया है। इतना ही नहीं सहवाग ने यह भी कहा कि कोहली (Virat Kohli) ने अपनी कप्तानी में बैंगलोर की टीम में लगातार बदलाव किए। सहवाग का मानना है कि बांगड़ को कोहली की सलाह मानने के लिए मजबूर किया जाता होगा आखिर वह कप्तान जो हैं। सहवाग ने कहा कि कोहली अब बांगड़ से नतीजे की परवाह किए बिना बातचीत कर सकते हैं।
सहवाग ने क्रिकबज के साथ बातचीत में कहा, ‘संजय बांगड़ के हेड कोच बनने और नए कप्तान ने आरसीबी की सोच बदल दी है। हमने देखा है कि कैसे विराट कोहली 2-3 मैचों में प्रदर्शन न करने के बाद खिलाड़ियों को ड्रॉप कर दिया करते थे। लेकिन बांगड़ और डुप्लेसिस ने लगभग पूरे ही टूर्नमेंट में निरंतरता बरती है। सिवाय अनुज रावत के स्थान पर पाटीदार को आजमाने के मुझे नहीं लगता कि उन्होंने खराब प्रदर्शन की वजह से कोई बदलाव किया है।
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई भारतीय खिलाड़ी कप्तान होता और अगर विराट कोहली उन्हें कोई सलाह देते, तो शायद वह दबाव में उसे मानने को मजबूर होता। तो फाफ डु प्लेसिस के कप्तान बनने के बाद यह बदलाव आया है। संजय बांगड़ भी कोहली के साथ काम कर चुके हैं और उनके भी कोहली की सलाह को लेकर कुछ पूर्वग्रह हो सकते हैं। हो सकता है वह कुछ और सलाह दें और टीम कुछ और करना चाहती हो।’
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