×

वसीम अकरम को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बेचने पहुंचे शोएब अख्तर, फिर जो हुआ वो कमाल था

शोएब अख्तर एक टीवी शो में वसीम अकरम के साथ आने वाले हैं।

user-circle cricketcountry.com Written by Devbrat Bajpai
Last Updated on - May 25, 2017 5:37 PM IST

शोएब अख्तर और वसीम अकरम © Getty Images
शोएब अख्तर और वसीम अकरम © Getty Images

दुनिया के सबसे तूफानी गेंदबाज शोएब अख्तर अपने जमाने में तूफानी बाउंसर से कई बल्लेबाजों को घायल कर चुके हैं। लेकिन संन्यास लेने के बाद शोएब अख्तर मक्खन हो गए हैं। टीवी इंटरव्यू में वे अक्सर सौम्य और मुस्कुराते हुए नजर आते हैं। जाहिर है, वह नए रंग में रंगने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। अब शोएब अख्तर एक टीवी शो में वसीम अकरम के साथ आने वाले हैं। जिसके प्रोमो हाल ही में रिलीज हुए हैं। इस पाकिस्तानी टीवी सीरियल का नाम ‘जियो खेलो पाकिस्तान’ है। इस प्रोमो में दिखाया गया है कि शोएब अख्तर जो एक मुर्गी बेचने वाले के किरदार में हैं। उनपर एक किराना दुकानदार, वसीम अकरम(बाबू भाई) का 4 लाख का कर्ज बाकी है।

अपनी कर्ज की अदायगी के लिए शोएब, वसीम अकरम (बाबू भाई) की दुकान में एक मुर्गी लेकर पहुंचते हैं। उधार के बदले वह बाबू भाई को मुर्गी पकड़ाते हैं। इस बात से बिदकते हुए बाबू भाई कहते हैं कि मेरे पैसों के बदले तू ये मामूली मुर्गी लाया है। जवाब देते हुए शोएब कहते हैं कि ये कोई साधारण मुर्गी नहीं बल्कि सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है। जब ये बात बाबू भाई को पता चलती है तो लालचवश वह मुर्गी रख लेते हैं। लेकिन कई दिन गुजरने के बाद भी मुर्गी ने सोने का अंडा बाबू भाई को नहीं दिया। इस प्रोमो के अगले सीन में दिखाई देता है कि बाबू भाई शोएब अख्तर की गर्दन पकड़े हुए हैं और कहते हैं कि वह मुर्गी नहीं बल्कि मुर्गा था। मैं तुझे नहीं छोड़ूंगा। इसके बाद शोएब कहते हैं कि एक मौका दे दो बाबू भाई और उन्हें वह ‘जियो खेलो पाकिस्तान’ शो की टिकट पकड़ा देते हैं। जहां बाबू भाई ढेर सारा पैसा जीत जाते हैं। ये भी पढ़ें: बांग्लादेश ने आईसीसी रैंकिंग में किया बड़ा उलटफेर, 3 विश्व चैंपियन टीमों को पछाड़ा

TRENDING NOW

इसके अलावा एक और वीडियो जारी किया गया है। जिसमें शोएब और वसीम फिल्म शोले के जय- वीरू के अंदाज में बाइक पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। ये दोनों गेम खेलने जा रहे हैं। वे इस दौरान एक दूसरे से बातचीत करते हैं। शोएब एड में पूछते हैं कि भाईसाब हम कहां जा रहे हैं तो अकरम कहते हैं, हम जा रहे हैं गेम खेलने है। शोएब कहते हैं, इस उम्र में। तो अकरम कहते हैं, गेम खेलने की कोई उम्र में नहीं होती शेबी। अख्तर कहते हैं, लेकिन फिटनेस भाईसाब उसका क्या करेंगे। अकरम कहते हैं, गेम खेलने के लिए फिटनेस नहीं अक्ल की जरूरत है, जो तुझमें बिल्कुल नहीं है। शोएब कहते हैं, लेकिन मेरे पास दिल है। इसके साथ प्रोमो खत्म हो जाता है।