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सचिन दुनिया पर राज करेगा, तभी समझ गया था जब... दिलीप वेंगसरकर ने किया बड़ा खुलासा

वेंगसरकर ने मुंबई और हरियाणा के बीच 1991 में खेले गए रणजी ट्रॉफी के यादगार फाइनल मैच को याद किया, कपिल देव की अगुवाई वाली हरियाणा ने इस मैच में मुंबई को दो रन से हराया था.

user-circle cricketcountry.com Written by Akhilesh Tripathi
Last Updated on - August 10, 2024 9:28 PM IST

मुंबई. भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की गिनती दुनिया के महान बल्लेबाजों में की जाती है. सचिन ने अपने करियर में कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसके आसपास भी कोई बल्लेबाज नहीं है. पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने सचिन तेंदुलकर को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने अतीत की यादों को ताजा करते हुए शनिवार को यहां कहा कि स्पिनरों की मददगार पिच पर अरशद अयूब और वेंकटपति राजू जैसे काबिल गेंदबाजों के खिलाफ तेंदुलकर की बल्लेबाजी को देखकर वह उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर आश्वस्त हो गये थे.

‘स्पिनर्स फ्रेंडली पिच पर सचिन ने की शानदार बल्लेबाजी’

भारत और मुंबई के लिए तेंदुलकर के साथ खेलने वाले वेंगसरकर ने हैदराबाद के खिलाफ अपने जूनियर साथी के साथ की गई लंबी साझेदारी को याद करते हुए कहा, मुझे याद है, हम हैदराबाद के खिलाफ स्पिनरों की मददगार पिच पर खेल रहे थे, अरशद अयूब और वेंकटपति राजू गेंदबाजी कर रहे थे. वे बहुत अच्छे गेंदबाज थे, उनके खिलाफ मेरी और सचिन की साझेदारी लंबी रही थी. उन्होंने कहा, वह स्पिनरों की मददगार पिच पर बहुत अच्छा खेल रहा था, मैं समझ गया था कि वह पूरी दुनिया में अच्छा करेगा और वही हुआ.

वेंगसरकर ने 1991 रणजी ट्रॉफी फाइनल को किया याद

वेंगसरकर ने ‘फैब फाइव द पांडवाज ऑफ इंडियाज बैटिंग’ पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि इस साझेदारी ने उन्हें तेंदुलकर के भविष्य की झलक दिखा दी थी. वेंगसरकर ने इस मौके पर मुंबई और हरियाणा के बीच 1991 में खेले गए रणजी ट्रॉफी के यादगार फाइनल मैच को याद किया, कपिल देव की अगुवाई वाली हरियाणा ने इस मैच में मुंबई को दो रन से हराया था.

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पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, हरियाणा के खिलाफ हमने 1991 में रणजी ट्रॉफी फाइनल खेला था, जीत के लिए 355 रन का पीछा करते हुए हमने 22 (वास्तविक स्कोर 34 रन) रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे, उस पारी में उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह शानदार थी, अगर वह कुछ ओवर और रुकते तो हम मैच जीत सकते थे, इस मैच में वेंगसरकर ने 139 जबकि तेंदुलकर ने 96 रन का योगदान दिया था.