×

24 साल, 7 कोच- कैसा रहा है 24 साल में भारतीय कोचों का प्रदर्शन

गौतम गंभीर को टीम इंडिया का अगला कोच बनाया गया है. देखते हैं टीम इंडिया के इस सदी में कोचों का प्रदर्शन कैसा रहा है.

Gautam Gambhir Has Become India Team New Coach

गौतम गंभीर टीम इंडिया के नए कोच बन चुके हैं. गंभीर ने कोचिंग संभालते हुए कहा था कि उन्हें खुशी है कि वह एक बहुत कामयाब टीम की कोचिंग करने जा रही है. वह टीम जो टी20 वर्ल्ड कप जीतकर आ रही है. गंभीर से पहले राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच थे. भारतीय टीम का कायापलट की शुरुआत साल 2000 में जॉन राइट के आने के बाद बदलनी शुरू हुई. एक नजर डालते हैं साल 2000 से अब तक किस कोच को कार्यकाल में भारतीय टीम ने कैसा प्रदर्शन किया. यहां हम सिर्फ पूर्णकालिक कोचों की बात करेंगे.

जॉन राइट

न्यूजीलैंड के जॉन राइट ने सौरभ गांगुली के साथ मिलकर भारत को नए तेवर और कलेवर की टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू की. राइट भारत के पहले विदेशी कोच थे. उनकी कोचिंग में साल 2000-05 के बीच भारत ने 182 मैच खेले. इसमें से 89 में उसने जीत हासिल की और 71 मैचों में उसे हार मिली. भारत इसी दौरान 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल में भी पहुंचा था. इसमें टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट के मैच शामिल हैं.

ग्रैग चैपल

चैपल को सौरभ गांगुली की सिफारिश पर ही भारतीय टीम का कोच बनाया गया था. लेकिन इस ऑस्ट्रेलियाई कोच के आने के बाद भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया. चैपल के आने के बाद टीम में असुरक्षा और गुटबाज़ी बढ़ने की खबरें आईं. नतीजतन, उनका कार्यकाल बीच में ही समाप्त कर दिया गया. साल 2005-2007 के बीच चैपल ने 81 मैचों में भारत की कोचिंग की. इसमें टीम ने 40 मैच जीते और 31 मैच हारे.

TRENDING NOW


गैरी कर्स्टन

भारत के सर्वश्रेष्ठ कोचों में इस साउथ अफ्रीकी कोच का नाम आता है. 2008-11 के बीच कर्स्टन ने टीम इंडिया के कोच रहे. उनकी कोचिंग में भारत ने 144 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. और इसमें 85 जीते और 44 हारे. उन्हीं की कोचिंग में टीम इंडिया ने साल 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता. उनकी कोचिंग में टीम का माहौल बहुत खुशगवार माना जाता था. उन्हें अब भी खिलाड़ियों को अच्छी तरह मैनेज करने के लिए जाना जाता है.

डंकन फ्लेचर

इंग्लैंड के पूर्व कोच और जिम्बाब्वे के क्रिकेटर रहे फ्लेचर ने चार साल 2011 से 2015 के बीच भारतीय टीम की कोचिंग की. इस दौरान भारत ने कुल 171 मैच खेले. 92 जीते और 62 हारे. उनकी कोचिंग में भारत ने 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती. सचिन तेंदुलकर का संन्यास भी उन्हीं के कार्यकाल के दौरान हुआ.

अनिल कुंबले

कुंबले सिर्फ एक साल 2016-17 तक भारत के कोच रहे. तब के कप्तान विराट कोहली के साथ उनके संबंध बहुत खराब रहे. इतने खराब कि इस महान गेंदबाज के लिए कोचिंग का अनुभव बहुत खराब रहा. कोहली और उनके खराब रिश्ते मीडिया की सुर्खियां बने. कुंबले की कोचिंग में भारत ने 37 में से 23 मैच जीते और 8 में उसे हार मिली. भारतीय टीम साल 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची थी. वहां उसे पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा और इसके बाद कुंबले ने पद से इस्तीफा दे दिया था.

रवि शास्त्री

रवि शास्त्री और विराट कोहली की जोड़ी खूब चली. साल 2017-2021 तक शास्त्री टीम के कोच रहे. भारत ने 184 मैचों में 121 जीते और 53 में उसे हार मिली. भारतीय टीम रवि शास्त्री की कोचिंग में दो बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती.

राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ ने साल 2021-24 के बीच भारतीय टीम की कोचिंग की. द्रविड़ का कार्यकाल यूं तो वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल के बाद समाप्त हो गया था. यहां भारत को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इसके बाद उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया. द्रविड़ ने टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

trending this week