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ये पांच खिलाड़ी दिल्ली में दिलाएंगे जीत

भारत और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का दूसरा वनडे 20 अक्टूबर को दिल्ली में खेला जाएगा

user-circle cricketcountry.com Written by Manoj Shukla
Last Updated on - October 18, 2016 11:14 AM IST

विराट कोहली से एक बार फिर टीम इंडिया को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी ©Getty Images
विराट कोहली से एक बार फिर टीम इंडिया को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी ©Getty Images

धर्मशाला में खेले गए भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले वनडे मैच को भारत ने आसानी से छह विकेट से अपने नाम कर लिया। टेस्ट मैच में विजयी रहने का सिलसिला धर्मशाला में जारी रहा और भारत ने न्यूजीलैंड को करारी शिकस्त दे दी। पांच मैचों की वनडे सीरीज में भारत ने 1-0 की अजेय बढ़त बना ली है। धर्मशाला के बाद अब सीरीज का कारवां देश की राजधानी यानी दिल्ली की तरफ बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच सीरीज का दूसरा वनडे मैच 20 अक्टूबर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जाएगा।

पहले मुकाबले को जीतने के बाद भारत के इरादे बेहद मजबूत होंगे तो फिरोजशाह कोटला में मिलने वाला दर्शकों का अपार समर्थन भी भारतीय टीम के आत्मविश्वास को और बढ़ाएगा। वैसे तो क्रिकेट के खेल में हर खिलाड़ी की भूमिका अहम होती है लेकिन हम आपको बताएंगे उन पांच खिलाड़ियों के बारे में जो दिल्ली में दिखाएंगे अपना दम। तो आइए नजर डालत हैं ऐसे ही पांच खिलाड़ियों पर जो दिल्ली में भारत को जीत दिलाएंगे। ये भी पढ़ें: लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे सबसे कामयाब भारतीय बल्लेबाज बने विराट कोहली

5. अमित मिश्रा:
अश्विन और जडेजा की अनुपस्थिति में स्पिन गेंदबाजी की कमान संभाल रहे अमित मिश्रा से टीम को ढेरों उम्मीदें हैं। अमित मिश्रा को टेस्ट मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला था, ऐसे में उन्हें अपनी फिरकी का दम दिखाने का मौका नहीं मिल पाया था। लेकिन जैसे ही अमित मिश्रा को वनडे में खेलने का मौका मिला उन्होंने ये साबित कर दिया कि वह एक खतरनाक स्पिन गेंदबाज हैं।

अमित मिश्रा पर इस बात का दबाव था कि अश्विन-जडेजा की अनुपस्थिति में वह अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं, लेकिन पहले वनडे में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया वह काबिलेतारीफ था। अमित मिश्रा ने अश्विन-जडेजा की कमी को महसूस नहीं होने दिया और मैच में बेहतरीन गेंदबाजी की। अमित मिश्रा ने अपनी फिरकी का जलवा दिखाते हुए तीन खिलाड़ियों को आउट किया। मिश्रा ने पहले क्रीज पर जमने की कोशिश कर रहे डग ब्रेसवेल को (15) रनों पर आउट किया, इसके बाद मिश्रा ने भारतीय गेंदबाजों के लिए सिरदर्दी बने और अर्धशतक जमा चुके साऊदी को (55) के स्कोर पर आउट कर भारत के माथे पर पड़ रही सिकन को दूर किया, इसके बाद मिश्रा ने अपना तीसरा शिकार ईश सोढ़ी का विकेट लेकर किया। पहले वनडे में मिश्रा ने 8.5 ओवर में 49 रन देते हुए 3 विकेट हासिल किए। ये भी पढ़ें: जब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रन आउट हुए

यही नहीं तीन विकेट लेने के साथ ही अमित मिश्रा ने अपने नाम एक उपलब्धि भी जोड़ ली। अमित मिश्रा ने 32 मैचों में अपने 50 विकेट पूरे कर लिए। अमित मिश्रा भारत के सबसे जल्दी पचास विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज और पहले स्पिनर हैं। मिश्रा ने ब्रेसवेल का विकेट लेते ही 32 मैचों में अपने पचास विकेट पूरे कर लिए। ऐसे में दिल्ली में होने वाले मुकाबले में भी मिश्रा से टीम को ढेरों उम्मीदें होंगी।

4. उमेश यादव:
टेस्ट मैचों में कुछ खास न कर पाने वाले उमेश यादव पर वनडे में अच्छी गेंदबाजी करने का दबाव था और यह दबाव तब और बढ़ गया जब टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करने वाले गेंदबाद भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी चोट के कारण पहले तीन वनडे से बाहर हो गए। उमेश यादव मौजूदा टीम में सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज हैं ऐसे में उन्हें युवा गेंदबाजों के सामने एक उदाहरण भी बनना था।

कहते हैं दबाव में या तो खेल उभरता ता या और बिगड़ जाता है, उमेश यादव ने दबाव को बखूबी झेलते हुए पहले वनडे में कीवियों की कमर तोड़ कर रख दी। उमेश यादव ने अपनी स्विंग और गति से न्यूजीलैंज के 2 खिलाड़ियों को आउट किया। पहले मैच में उमेश यादव की गेंदबाजी की बात करें तो यादव ने 8 ओवर में 31 रन देकर दो बड़े खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। उमेश यादव ने पहले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन (3) को अमित मिश्रा के हाथों कैच करवाया और फिर टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर (0) को धोनी के हाथों लपकवाया। यादव ने गेंद से कमाल दिखाने के बाद क्षेत्ररक्षण में भी जलवा बिखेरा और कोरी एंडरसन, ल्यूक रॉन्की के शानदार कैच पकड़े। ऐसे में दिल्ली में होने वाले मुकाबले में उमेश यादव से टीम को ढेरों उम्मीदें होंगी।

3. हार्दिक पंड्या:
कपिल देव के हाथों वनडे कैप पहनने वाले हार्दिक पंड्या पहले ही मैच में एक खोज के रूप में स्थापित हुए हैं। टी-20 में तो पंड्या कई बार कमाल दिखा चुके हैं लेकिन वनडे में यह उनका पहला ही मैच था। पहले मैच का दबाव अभी था ही कि धोनी ने पंड्या को गेंदबाजी में अपन करा दिया। लेकिन दबाव में पंड्या बिखरे नहीं और अपने कप्तान के फैसले पर खरा उतरते हुए अपने पहले ही ओवर में टीम के सबसे धाकड़ बल्लेबाज को आउट कर दिया। इसके बाद पंड्या यहीं रुके और ओवर तक ओवर कीवियों के लिए अबूझ पहेली बनते गए।

पहले मैच में पंड्या ने 7 ओवर में 31 रन देकर 3 विकेट हासिल किए। पंड्या ने न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल, कोरी एंडरसन और ल्यूक रॉन्की के विकेट लिए। पहले मैच में पंड्या ने कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए। पंड्या के 31 रन देकर 3 विकेट, भारत के लिए पदार्पण कर रहे खिलाड़ियों में चौथा सबसे अच्छा आंकड़ा रहा। इसके साथ ही पंड्या भारत के चौथे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें अपने पहले ही मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड मिला हो। इससे पहले संदीप पाटिल (1980), मोहित शर्मा (2013) और केएल राहुल (2016) में पहले मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं। हार्दिक के पहले मैच के प्रदर्शन के बाद यह साबित हो गया है कि दिल्ली में भी वह टीम के लिए गेंद और मौका मिलने पर बल्ले से भी कमाल जरूर दिखाएंगे।

2. महेंद्र सिंह धोनी:
काफी लंबे ब्रेक के बाद टीम में लौटे भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान जब मैदान पर उतरे तो मैदान के बाहर कई तरह की खबरें थीं, कि अगर धोनी की टीम वनडे में अच्छा नहीं करती तो कप्तानी कोहली को सौंप दी जाएगी। इन सबके बीच धोनी ‘कैप्टन कूल’ बने रहे और दबाव की एक छोटी से सिकन भी उनके चेहरे पर दिखाई नहीं पड़ी। शायद यही एक महान खिलाड़ी की पहचान भी होती है।

टॉस से लेकर पूरे मैच में धोनी की रणनीति काबिलेतारीफ थी। धोनी ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह दुनिया सबसे अच्छे कप्तानों में से एक क्यों हैं। धोनी की रणनीति के आगे कीवी टीम जो बिखरना शुरू तो अंत तक नहीं संभल पाई। नतीजा भारत ने पहले वनडे को जीतकर सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त बना ली।

धोनी हमेशा अपने अलग अंदाज और फैसलों के लिए जाने जाते हैं। पहले वनडे में भी धोनी ने जब जसप्रीत बुम्रा से पहले अपना पहला मैच खेल रहे हार्दिक पंड्या को गेंद सौंपी तो सभी को हैरानी हुई, लेकिन उसके बाद जो कुछ भी हुआ वो सबके सामने है। पंड्या ने धोनी के फैसले पर खरा उतरते हुए मैच में तीन विकेट लिए, वहीं धोनी ने जब टीम के मुख्य स्पिनर अमित मिश्रा से पहले केदार जाधव को गेंद थमाई तो एक बार फिर कई लोगों को धोनी के फैसले पर आपत्ति हुई, लेकिन केदार जाधव ने अपने कप्तान के फैसले को सही ठहराते हुए मैच में दो लगातार विकेट हासिल किए और एक समय तो वह हैट्रिक पर भी थे, लेकिन दुर्भाग्यवश वह हैट्रिक लेने में कामयाब नहीं हो पाए। धोनी बल्ले से भी अच्छा खेल दिखा रहे थे और उन्होंने पहले मैच में 21 रन बनाए। लेकिन बदकिस्मती से धोनी रन आउट हो गए। उम्मीद है कि अब दिल्ली में होने वाले मुकाबले में भी धोनी अपनी ‘चाणक्य नीति’ से कीवियों के लिए ‘खतरा’ और आलोचकों के लिए एक ‘जवाब’ बनकर उभरेंगे।

1. विराट कोहली:
वैसे तो विराट कोहली पूरे देश के चहेते खिलाड़ी हैं, लेकिन जब बात दिल्ली की होती है तो विराट कोहली के खेल में और ज्यादा निखार आ जाता है, अब आप सोच रहे होंगे की दिल्ली में ऐसा क्या है। तो हम आपको बता दें कि विराट कोहली दिल्ली के ही रहने वाले हैं। ऐसे में कोहली अपने घर में, अपने दर्शकों के सामने बेहतरीन खेल जरूर दिखाएंगे।

भारत के लिए नंबर तीन पर खेलने वाले टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज और टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली मौजूदा समय में दुनिया के सबसे अच्छे और भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। पहले वनडे में कोहली ने 85 रनों की नाबाद पारी खेली थी और टीम को जीत दिलाकर ही वापस लौटे थे। विराट कोहली ने अपनी पारी में 81 गेंदों पर 9 चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 85 रनों की पारी खेली इस दौरान कोहली का स्ट्राइक रेट 104.94 का रहा।

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कोहली नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए उतरे और अंत तक कोई भी कीवी गेंदबाज कोहली को आउट नहीं कर सका। विराट कोहली ने स्कोर का पीछा करते हुए अब तक अपने करियर में 3360 रन बना चुके हैं और उनसे आगे अब सिर्फ 6 बल्लेबाज ही हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि कोहली जब लक्ष्य का पीछा करते हैं तो किस कदर आक्रामक होकर खेलते हैं। तो तैयार हो जाइए दिल्ली में कोहली की विराट पारी देखने के लिए।