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आज है विरेन्द्र सहवाग का जन्मदिन, जानें क्यों खास है वीरू

जानें भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सहवाग की जिन्दगी से जुड़ें कई किस्से।

user-circle cricketcountry.com Written by Gunjan Tripathi
Last Updated on - October 20, 2016 4:38 PM IST

38 साल के हो गए विरेन्द्र सहवाग।
38 साल के हो गए विरेन्द्र सहवाग।

आज है हमारे प्यारे वीरू पाजी यानि विरेन्द्र सहवाग का जन्मदिन तो आइए भारतीय टीम के सबसे धमाकेदार बल्लेबाज की निजी जिन्दगी और करियर से जुड़े कुछ खूबसूरत पलों को याद कर पाजी का जन्मदिन साथ मनाते हैं। वीरेन्द्र सहवाग ने अपने जीवन में अच्छा और बुरा हर समय देखा है। कभी सहवाग टेस्ट में तीहरे शतक लगाते थे तो कभी टीम से लंबे समय तक बाहर कर दिए जाते थे। सहवाग ने हर दौर का सामना किया है और जिन्दगी को खुल कर जिया है। उन्हें क्रिकेट से संन्यास लिए काफी समय हो गया है लेकिन अब वह एक नए तरीके से अपने प्रशंसकों से जुड़े रहते हैं। सहवाग टीम इंडिया के सबसे ज्यादा मजाकिया खिलाड़ी कहे जाते हैं और अपने इसी हुनर से वह अब ट्विटर पर छा रहे हैं। आए दिन सहवाग अपने किसी मजाकिया ट्वीट के लिए चर्चा में रहते हैं। फैन्स को भी उनका ये अंदाजा बहुत पसंद है लेकिन कई ऐसी बातें हैं जो वीरू के प्रशंसक उनके बारें में नहीं जानते। अब हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही किस्सों के बारें में। भारत बनाम न्यूजीलैंड दूसरा वनडे लाइव स्कोर जानने के लिए क्लिक करें 

बचपन का पहला प्यार क्रिकेट: सहवाग ने अपना बचपन दिल्ली में गुजारा है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वीरू का परिवार हरियाणा से है। सहवाग के पिता की दिल्ली में गेंहू के व्यापारी थे और इस समय वह आटें की मिल चलाते हैं। ये अजीब संयोग है कि उनके माता पिता दोनों के नाम का एक ही मतलब है, सहवाग की मां का नाम कृष्णा है और पिता का नाम कृष्ण। सहवाग की दोनो बहनों का नाम अंजू और मंजू हैं वहीं छोटे भाई का नाम विनोद है। शायद मिलते- जुलते नाम रखना सहवाग के परिवार का रिवाज है। खैर आगे हम बताते हैं वीरू के पहले प्यार के बारें में जो है क्रिकेट। आप यकीन नहीं करेंगे कि जब सहवाग सात महीने के थे तब उनके घर वालों ने उन्हें एक छोटा सा क्रिेकेट बैट लाकर दिया था। वीरू को इस बैट से इतना लगाव हो गया कि वह दिनभर उसे अपने पास रखते थे। उनके घरवाले समझ गए कि आखिर विरेन्द्र बड़े होकर क्या बनने वाले हैं। जानें कब अपने ट्वीट पर शर्मिदा होना पड़ा सहवाग को

सचिन तेंदुलकर से लगाव: यूं तो मौजूदा समय में भारतीय टीम का हर खिलाड़ी सचिन से प्रभावित है और उन्हें अपना आदर्श मानता है। एमएस धोनी से लेकर विराट कोहली तक सभी मास्टर ब्लास्टर के प्रशंसक हैं लेकिन सहवाग और सचिन का एक अलग ही कनेक्शन है। सहवाग के अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत अप्रैल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में हुई थी। उस मैच में सहवाग ने केवल एक रन ही बनाया था जिसके बाद लगभग दो साल तक उन्हें टीम से बाहर रखा गया। सहवाग को टीम में दोबारा शामिल होने का मौका भी सचिन की वजह से ही मिला। साल 2001 में न्यूजीलैंड और श्रीलंका के साथ हो रही त्रिकोणीय श्रंखला के दौरान श्रीलंका के खिलाफ मैच में सचिन के पैर में इंजरी के कारण वीरू को सलामी बल्लेबाजी का जिम्मा सौंपा गया। वीरू ने इस मैच में अपने करियर का पहला शतक लगाया और सचिन की कमी को पूरा किया। मैच के दौरान वीरू को खेलते देख कर ऐसा लग रहा था मानों सचिन ही खेल रहे हों। बैक फुट पर पंच हो या स्ट्रेट ड्राइव सहवाग के हर शॉट में सचिन की झलक दिखाई दे रही थी। उस मैच के बाद सहवाग ने भारतीय टीम में सलामी बल्लेबाज के बतौर अपनी जगह पक्की कर ली और सालों तक सचिन के साथ मिलकर भारत के शीर्ष क्रम को संभाला।

शोयब संग वीरू की यारी: क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच की दुश्मनी से सभी क्रिकेट प्रशंसक परिचित हैं। वहीं दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच भी कई बार मैच के दौरान झड़प होती रहती थी। इसमें से सबसे ज्यादा मशहूर है विरेन्द्र सहवाग और पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोयब अख्तर की जोड़ी। मैदान पर शोयब और वीरू का मुकाबला दर्शकों के लिए हमेशा ही मजेदार होता था। 2003 विश्व कप के दौरान भारत पाकिस्तान मैच में जब सचिन और सहवाग क्रीज पर थे और पाकिस्तानी गेंदबाज उन्हें रोकने में नाकामयाब थे तब शोयब ने सहवाग को शॉर्ट गेंदे डालनी शुरू की और उन्हें खेलने के लिए उकसाने लगे। अख्तर को लगा ऐसा करने से वीरू कोई गलत शॉट खेलेंगे और आउट हो जाएंगे लेकिन सहवाग समझदारी से गेंदो को छोड़ते गए। आखिर में जब शोयब नहीं माने तो वीरू ने कहा कि तू गेंदबाजी कर रहा है कि भीख मांग रहा है। अगर हिम्मत है तो सचिन को शॉर्ट गेंद डालें वह बताएगा कैसे खेलते हैं। उस मैच में भारत 6 विकेट से जीता था और सचिन ने 98 रनों की मैचविनिंग पारी खेली थी। वहीं अब जबकि दोनों ही क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं मैदान से बाहर भी उनकी ये मजेदार नोंक झोंक चलती रहती है। जब कभी कमेंट्री बॉक्स में दोनों आमने सामने होते हैं तब भी वीरू शोयब को परेशान करने से बाज नहीं आते।

लीक से हटकर बल्लेबाजी: सहवाग ने काफी लंबे समय तक भारतीय टीम में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई है। वह विश्व क्रिकेट में सबसे सफल सलामी बल्लेबाजों में गिने जाते है लेकिन सहवाग की बल्लेबाजी किसी भी और सलामी बल्लेबाज से कहीं अलग है। वीरू लीक से हटकर बल्लेबाजी करते हैं, बाकी सलामी बल्लेबाजों की तरह धीरे बल्लेबाजी करना सहवाग के स्वभाव में नहीं। पहली गेंद पर चौका जड़ना तो उनकी खासियत है हर मैच में सहवाग चौके के साथ ही खाता खोलना पसंद करते हैं, अगर गेंद सही हो तो पहली गेंद पर छक्का लगाने से भी वीरू नहीं चूकते। वीरू ने वनडे में एक बार दोहरा शतक और टेस्ट में दो तिहरे शतक लगाए हैं। 8 दिसंबर 2011 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ इंदौर के होल्कर स्टेडियम में सहवाग ने पहला दोहरा शतक लगाया था। वहीं सहवाग ने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में पहला टेस्ट तिहरा शतक लगाया और फिर साउथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में भी 319 रन बनाकर दो तिहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए। वहीं श्रीलंका के खिलाफ 2006 में कोलंबो में हुए मैच के दौरान सहवाग ने दिलहारा फर्नांडो के एक ओवर में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 26 रन बनाए। ये एक ओवर में किसी भारतीय बल्लेबाज का बनाया हुआ तीसरा अधिकतम स्कोर है। सहवाग के आंकड़े किसी भी परम्परागत सलामी बल्लेबाज से कहीं अलग है, अपनी इस शैली को उन्होंने अपनी पहचान बना लिया हैं और आज भी उनके फैन्स उनके इस अंदाज को याद करते है। वहीं वीरू आजकर ट्विटर की पिच पर हंसी के चौके छक्के लगाने में व्यस्त हैं।

 

 

 

 

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